Giridih News: बारिश के चलते तीन माह में लक्ष्य से आधा हुआ कोयला का उत्पादन

Giridih News: लगातार बारिश के कारण सीसीएल गिरिडीह कोलियरी में पिछले तीन माह में लक्ष्य से आधा कोयला का उत्पादन हुआ. कोयला का उत्पादन प्रभावित होने के साथ-साथ रेल रैक सप्लाई पर भी असर पड़ा है.

By MAYANK TIWARI | August 19, 2025 11:28 PM

जानकारी के मुताबिक वर्तमान में गिरिडीह कोलियरी अंतर्गत कबरीबाद माइंस में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कोयला का उत्पादन किया जा रहा है. एक अन्य गिरिडीह ओपेनकास्ट परियोजना पिछले चार वर्षों से बंद है.

चालू वित्तीय साल में छह लाख टन कोयला उत्पन का मिला है टारगेट

कबरीबाद माइंस आउटसोर्सिंग की बात करें तो चालू वित्तीय वर्ष में सीसीएल मुख्यालय ने इस माइंस को सालाना छह लाख टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य दिया है. इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए सीसीएल प्रबंधन द्वारा प्रत्येक माह 50 हजार टन कोयला का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित कर उत्पादन करने की रणनीति पर कार्य कर रहा है. चूंकि जून माह से बारिश हो रही है, इस वजह से प्रति माह निर्धारित उत्पादन लक्ष्य हासिल करने में कठिनाई हो रही है. बारिश की वजह से माइंस में पानी जमा हो जाता है. हालांकि डिवाटरिंग कर पानी की निकासी की जाती है. लेकिन बारिश के कारण पुन: पानी जमा हो जाता है. वहीं माइंस से कोयला की ढुलाई करने में वाहन चालकों को भी परेशानी होती है. ऐसी स्थिति सुरक्षा के तहत कोयला का उत्पादन व डिस्पैच हो रहा है.

हर माह 50 हजार टन कोयला उत्पादन करने की बनायी गयी है रणनीति

इस संबंध में गिरिडीह कोलियरी के महाप्रबंधक गिरिश कुमार राठौर ने बताया कि प्रतिमाह 50 हजार टन कोयला उत्पादन करने की रणनीति बनाई गई है. लेकिन बारिश की वजह से जून माह से लेकर अब तक निर्धारित लक्ष्य की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत ही उत्पादन हुआ है. कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रैल, मई, जून व जुलाई माह में ज्यादा बारिश हुई है. कहा कि बारिश में ओपेनकास्ट माइंस में वाहन का परिचालन मुश्किल हो जाता है. रेलवे ट्रेक में पानी जमा हो जाता है. इस वजह से रेल रैक सप्लाई पर भी असर पड़ा है. श्री राठौर ने कहा कि दीपावली के बाद कोयला उत्पादन व डिस्पैच में तेजी आयेगी.

माह जून से लेकर 18 अगस्त 2025 तक उत्पादन पर नजर

माह – कोयला उत्पादन (टन में)जून – 34874 टनजुलाई – 25852 टनअगस्त (18 अगस्त तक) – 23528 टनकुल – 84255 टन

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है