Giridih News: चालकों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से पहल करने की मांग की
Giridih News: कहा कि आज तक की सरकारें केवल वादे करती रही हैं, लेकिन चालकों के हित में कोई ठोस नीति नहीं बनी है. वक्ताओं ने यह भी कहा कि दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में ड्राइवरों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के लिए यूनियन स्तर पर आपात कोष बनाया जाएगा.
आल झारखंड ड्राइवर ट्रेड यूनियन धनवार इकाई के नेतृत्व में गुरुवार को घोड़थंबा के रतन हॉल परिसर में जिला स्तरीय बैठक की गयी. बैठक में सैकड़ों चालकों ने भाग लिया और एकजुट होकर अपने अधिकारों एवं समस्याओं को लेकर सरकार व प्रशासन से ठोस पहल करने की मांग की. निर्णय लिया गया कि जल्द ही जिला मुख्यालय में एक बड़ा प्रदर्शन कर ड्राइवरों के हक में ज्ञापन सौंपा जाएगा. यूनियन के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा.
परिवहन विभाग में व्याप्त अव्यवस्था जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गयी
बैठक की अध्यक्षता यूनियन के जिला अध्यक्ष भुनेश्वर पासवान ने की, जबकि संचालन प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार यादव ने किया. मौके पर मुख्य रूप से चालकों की सुरक्षा, दुर्घटना बीमा, नियमित स्वास्थ्य जांच, सड़क पर पुलिस द्वारा की जानेवाली मनमानी वसूली तथा परिवहन विभाग में व्याप्त अव्यवस्था जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खोरीमहुआ के एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद तथा विशिष्ट अतिथि स्थानीय ओपी प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल को चालक संघ ने अंगवस्त्र और माला पहनाकर स्वागत किया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष अकील सोनू, उपाध्यक्ष गुल मोहम्मद अंसारी, कोषाध्यक्ष चतुर राणा, कार्यकारी अध्यक्ष अबुल अंसारी सहित जिला अध्यक्ष आदि ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य भर के ड्राइवर समाज को अब संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी.
चालकों के हित में कोई ठोस नीति नहीं बनी है
कहा कि आज तक की सरकारें केवल वादे करती रही हैं, लेकिन चालकों के हित में कोई ठोस नीति नहीं बनी है. वक्ताओं ने यह भी कहा कि दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में ड्राइवरों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के लिए यूनियन स्तर पर आपात कोष बनाया जाएगा. कहा कि झारखंड के ड्राइवर समाज को लंबे समय से उपेक्षित रखा गया है. सड़क पर दिन-रात अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले चालक न तो किसी सरकारी सुविधा के हकदार हैं, न ही उनके लिए कोई बीमा या पेंशन योजना लागू की गई है. दुर्घटनाओं में मारे जाने या घायल होने पर परिवारों को आर्थिक संकट झेलना पड़ता है. एक स्वर में मांग करते हुए कहा की राज्य सरकार ड्राइवरों के लिए विशेष बीमा योजना और पारिवारिक सहायता कोष लागू करे, हर वाहन चालक को स्थायी पहचान पत्र जारी किया जाए, पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा की जाने वाली अवैध वसूली पर रोक लगे, चालक प्रशिक्षण और लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाए. जिला स्तर पर ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड का गठन किया जाए, जिससे उनका भी जीवन स्तर बेहतर हो सके. वक्ताओं ने यह भी कहा कि ड्राइवर समाज को अक्सर अपराधी की तरह देखा जाता है, जबकि सड़क पर उनकी मेहनत से ही परिवहन व्यवस्था चलती है. उन्होंने कहा कि चालक बिना छुट्टी के दिन रात काम करते हैं, फिर भी उन्हें न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिलती. बैठक में प्रदेश महासचिव पप्पू खान, मुकेश यादव, राजकुमार, यादव, अनिल सौ, करीम अंसारी, अनवर अंसारी, जगदेव वर्मा, हुसैन अंसारी, कमरुद्दीन अंसारी, सद्दाम हुसैन, जमालुद्दीन, इजहार, बिनोद मंडल समेत देवघर, पलामू, रांची व रामगढ़ जिले के चालक व उनके प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
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