Giridih News :चार कमरों में होती है कक्षा एक से 10 तक की पढ़ाई
Giridih News :बगोदर प्रखंड के सरकारी स्कूलों में भवन और चहारदीवारी की कमी से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का माहौल नहीं मिल पा रहा है. विद्यालयों में चहारदीवारी नहीं होने से आये दिन मवेशियों के लिए कैंपस चारागाह बन जाता है और शाम ढलने के बाद शराबी और जुआरियों का अड्डा बन जाता है. इसके अलावा बगोदर प्रखंड के उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय डोरियो में छात्र-छात्राओं के लिए अब-तक एक भी शौचालय नहीं बन पाया है.
बगोदर के उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय डोरियो में हैं 300 विद्यार्थी, शौचालय की भी सुविधा नहीं
बगोदर प्रखंड के सरकारी स्कूलों में भवन और चहारदीवारी की कमी से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का माहौल नहीं मिल पा रहा है. विद्यालयों में चहारदीवारी नहीं होने से आये दिन मवेशियों के लिए कैंपस चारागाह बन जाता है और शाम ढलने के बाद शराबी और जुआरियों का अड्डा बन जाता है. इसके अलावा बगोदर प्रखंड के उत्क्रमित पल्स टू उच्च विद्यालय डोरियो में छात्र-छात्राओं के लिए अब-तक एक भी शौचालय नहीं बन पाया है. इससे छात्र-छात्राओं को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है. एक ओर सरकार स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने का दावा करती है. वहीं दूसरी ओर उक्त विद्यालय में चहारदीवारी और शौचायलय तक नहीं होना विभाग के खोखले दावों की पोल खोल रहा है. असुविधाओं का आलम यह है कि विद्यालय में वर्ग एक से लेकर दसवीं कक्षा तक के कक्षा के करीब 300 छात्र-छात्रा अध्ययनरत हैं. वहीं छात्रों के अनुपात में कमरों का अभाव है. विद्यालय में कुल नौ कमरे हैं जिसमें एक कार्यालय, एक रसोई घर, एक मध्याह्न भोजन स्टोर, दो कंप्यूटर कक्ष है. चार कमरे में एक से लेकर दसवीं तक पढ़ाई होती है. एक क्लास में दो वर्ग भी संचालित हैं. वहीं विद्यालय में छात्रों के अनुपात में बैंच डेस्क नहीं हैं. इसके साथ ही पल्स टू के लिए छात्रों का नामांकन शुरू हो गया है. इसके साथ ही विषयवार शिक्षकों का अभाव है. कमरों में पंखे नहीं होने के कारण गर्मी के दिनों में परेशानी होती हैं.कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन विभाग गंभीर नहीं : प्रधानाचार्य
प्रधानाचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि विद्यालय में शौचालय के लिए विभाग को कई बार आवेदन दिया गया है. लेकिन इसपर विभाग गंभीर नहीं है. उच्च वर्ग की बच्चियों को शौचालय के अभाव में इधर-उधर भटकना पड़ता है. वहीं विद्यालय का चहारदीवारी नहीं होने के कारण पशुओं का जमावड़ा भी लग जाता है. साथ ही छात्र खेलते-खेलते रोड तरफ भी चले जाते हैं.
पंसस ने पहल करने की मांग की
पंचायत समिति सदस्य संजीदा बेगम ने कहा कि विद्यालय को पल्स टू का दर्जा दिया गया है. आगे पल्स टू की पढाई भी होगी. लेकिन न तो कमरों की सुविधा है और न ही चहारदीवारी है. उन्होंने इसपर पहल करने की मांग की.
कमरों की संख्या बढ़ायी जायेगी : बीइइओ
बीइइओ अशोक कुमार ने कहा कि विद्यालय की सूची विभाग को भेजी जायेगी ताकि विद्यालय में अतिरिक्त कमरा की सुविधा मिले. इसपर पहल करते हुए कमरों की संख्या बढ़ायी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
