Giridih News :छिली छपरी में 85 वर्षों से हो रही है चैती दुर्गा पूजा
Giridih News :सरिया प्रखंड के मंदरामो पूर्वी पंचायत के छिली छपरी में 85 वर्षों से वासंतिक दुर्गा पूजा हो रही है. उत्तरवाहिनी खेढुवा नदी के तट पर बसे इस रमणीक स्थल में मां दुर्गा के मंदिर के अलावा शिव, हनुमान, मनसा, राधा-कृष्ण सहित अन्य देवी-देवताओं के मंदिर हैं.
उत्तरवाहिनी खेढुवा नदी के तट पर 17 एकड़ जमीन पर हैं कई मंदिर
सरिया प्रखंड के मंदरामो पूर्वी पंचायत के छिली छपरी में 85 वर्षों से वासंतिक दुर्गा पूजा हो रही है. उत्तरवाहिनी खेढुवा नदी के तट पर बसे इस रमणीक स्थल में मां दुर्गा के मंदिर के अलावा शिव, हनुमान, मनसा, राधा-कृष्ण सहित अन्य देवी-देवताओं के मंदिर हैं. मंदिर संचालन समिति के सदस्यों ने बताया कि मंदरामो गांव के नारो दुसाध की मनोकामना पूरी होेन पर वर्ष 1940 में उक्त स्थल पर चैती दुर्गा पूजा शुरू की. शुरुआती दौर में स्थानीय लोगों के सहयोग से जंगल झाड़ से घेर कर तथा कपड़े का तंबू बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा शुरू की गयी. कुछ वर्षों बाद लोगों ने श्रमदान कर मिट्टी का मंदिर बनाया. धीरे-धीरे लोगों में मंदिर के प्रति आस्था बढ़ती गयी. लोगों ने आपसी सहयोग से लाखों रुपये खर्च कर मां दुर्गा की भव्य मंदिर बनवाया. मंदिर में राधा कृष्ण, मां काली, भगवान गणेश, बजरंगबली, मां दुर्गा सहित विभिन्न देवी-देवताओं के संगमरमर की स्थायी मूर्ति की स्थापित की गयी.प्रतिदिन की जाती है पूजा-अर्चना
यहां श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा-अर्चना करते हैं. प्रत्येक त्योहारों में संबंधित देवी-देवताओं की विशेष पूजा होती है. खासकर चैती दुर्गापूजा धूमधाम से मनायी जाती रही है. वर्तमान में मंदिर के पुरोहित सुरेंद्र पांडेय प्रतिदिन पूजा व दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं. मंत्रोच्चार के साथ शंख, घंटे, पारंपरिक ढोल आदि की आवाज गूंज उठता है. वहीं, धूप-दीप से वातावरण सुगंधित हो जाता है.संचालन के लिए गठित है शिवशक्ति धाम ट्रस्ट
मंदिर तथा पूजा संचालन के लिए हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के तहत शिव शक्ति धाम ट्रस्ट का गठन किया गया है. ट्रस्ट के अध्यक्ष जागेश्वर मंडल, सचिव रामचंद्र मंडल, कोषाध्यक्ष जगदीश मंडल सहित सक्रिय रूप से अन्य सदस्यों को उक्त ट्रस्ट में रखा गया है. समिति के सदस्यों ने बताया कि ट्रस्ट के नाम 17.5 एकड़ जमीन है. इसमें मंदिर स्थापित हैं. यहां लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है. आस्था के इस केंद्र में बरगद, पीपल जैसे कई विशालकाय पेड़ हैं. इन विशालकाय पेड़ों के चारों ओर चबूतरे का निर्माण कराया गया है. गर्मी के दिनों में छायादार वृक्षों के नीचे लोग आराम करते हैं. इस स्थल के विकास के लिए विधायक मद से सामुदायिक भवन, विवाह मंडप आदि भी बनवाये गये हैं.रामनवमी में लगता है मेला
रामनवमी के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन होता है. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण केशवारी, नगर केश्वारी, औरवाटांड़, मंदरामो, लुतियानो, छोटकी सरिया, बड़की सरिया, काला पत्थर, चौबे सहित विभिन्न गांव से हजारों की संख्या में लोग मेला देखने पहुंचते हैं. रामनवमी जुलूस निकलता है जो पूरे सरिया बाजार में भ्रमण कर पुनः मंदिर परिसर वापस आता है. मंदिर की देखरेख तथा संचालन के लिए बनायी गयी कमेटी के संरक्षक सरयू प्रसाद मंडल, अध्यक्ष जागेश्वर मंडल, सचिव रामचंद्र मंडल, कोषाध्यक्ष जगदीश मंडल के अलावा भोला मंडल, विजय सिंह, विजय मंडल, शंकर मंडल, कैलाश मंडल, पूरन मंडल, अरविंद प्रसाद, सुरेंद्र पंडित, प्रसादी पंडित, पप्पू पांडेय, बलदेव दास, रामचंद्र दास, एतवारी पंडित आदि को शामिल किया गया है. मंदिर के संचालन व साफ-सफाई में श्रद्धालुओं का योगदान भी रहता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
