रांची : गिरिडीह समेत लोकसभा की सभी एसटी सीटों पर दावा करेगा झामुमो

रांची : आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में गहमागहमी का माहौल है. विपक्षी दलों में महागठबंधन को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है. साथ ही सीट बंटवारे को लेकर जिच भी कायम है. झामुमो लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा की सीटों के बंटवारे को लेकर दबाव बना रहा है.... लोकसभा चुनाव में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2018 6:05 AM

रांची : आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में गहमागहमी का माहौल है. विपक्षी दलों में महागठबंधन को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है. साथ ही सीट बंटवारे को लेकर जिच भी कायम है. झामुमो लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा की सीटों के बंटवारे को लेकर दबाव बना रहा है.

लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर झामुमो ने अभी पत्ता नहीं खोला है. हालांकि पार्टी के अंदरखाने में लोकसभा की अनुसूचित जनजाति की सभी सीटों के साथ-साथ गिरिडीह लोकसभा सीट पर दावा करने की योजना बनायी गयी है. लोकसभा की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में सिंहभूम, जमशेदपुर, खूंटी, दुमका, राजमहल व लोहरदगा पर झामुमो दावेदारी करेगा.

विपक्षी दलों की सहमति से निर्णय होना बाकी : पार्टी का मानना है कि कोल्हान व संताल में एक-एक लोकसभा पर पार्टी के पांच-पांच विधायक हैं. महागठबंधन में सबसे बड़े दल होने के नाते इन सीटों पर उसका स्वाभाविक दावा बनता है. कार्यकर्ताओं ने यही राय पार्टी में रखी है.

हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों की सहमति से निर्णय होना बाकी है. संभावना जतायी जा रही है कि छठ के बाद महागठबंधन को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक राहुल गांधी के साथ होगी.

कोल्हान की दोनों लोकसभा सीट पर झामुमो की ओर से दावा करने पर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है. कांग्रेस ने रणनीति के तहत गीता कोड़ा को पार्टी में शामिल कराया है. साथ ही इन्हें चाईबासा सीट से चुनाव लड़ाने की चर्चा भी चल रही है. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार जमशेदपुर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

झामुमो ने विधानसभा की 40 सीटों पर दावा करने की रणनीति बनायी है. फिलहाल झामुमो के सिटिंग 19 विधायक हैं. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो के 18 उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे. पार्टी नेताओं का मानना है कि इन सभी सीटों पर पार्टी अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी. इसके अलावा पार्टी वैसे सीट पर दावा करेगी जहां से या तो निर्दलीय चुनाव जीत कर आये हैं या फिर उन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति की बहुलता हो.