गढ़वा सदर अस्पताल में आइसीयू वार्ड नहीं, मरीज परेशान
गढ़वा के सदर अस्पताल में आइसीयू वार्ड की सुविधा नहीं हैं. इसलिए गंभीर रोगियों को रेफर कर दिया जाता हैं
प्रभाष मिश्रा, गढ़वा
गढ़वा के सदर अस्पताल में आइसीयू वार्ड की सुविधा नहीं हैं. इसलिए गंभीर रोगियों को रेफर कर दिया जाता हैं .पिछले दो माह में गढ़वा सदर अस्पताल से 108 मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया हैं .इसमें कई मरीज गंतव्य तक पहुंचने के पहले ही काल के गाल में समा जाते हैं. गढ़वा पलामू से अलग हो कर अविभाजित बिहार के जमाने 1 अप्रैल 1991 को जिला बना है. लेकिन देखा जाये, तो आज भी गढ़वा स्वास्थ्य के मामले में अपेक्षित प्रगति नहीं कर सका है.
रेफर टू रांची करने का केंद्र बना सदर अस्पताल
गढ़वा सदर अस्पताल पर से अभी भी रेफर टू मेदिनीनगर और रांची का लेबल नहीं हटा है. बताया जाता है कि भरती होने वाले मरीज या उनके परिजन भी जानते हैं. यदि थोड़ी भी स्थिति गंभीर हुई तो रेफर कर दिया जायेगा, क्योंकि सदर अस्पताल में व्यवस्था हीं नहीं हैं. यह स्थिति उस जिले की है, जो देश के 115 आकांक्षी जिला में शामिल हैं, इसे लेकर पिछले कई वर्षों स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए सक्रियता के साथ काम हो रहा है.
अस्पताल में क्यों जरूरी हैं यह वार्ड
आइसीयू वार्ड में गंभीर बीमारियों, चोटों या बड़ी सर्जरी के बाद के रोगियों को चौबीसों घंटे विशेष देखभाल में रखा जाता हैं या फिर रोगियों के आवश्यकता के अनुसार सुविधा दी जाती हैं. लोगों का कहना है यदि आइसीयू वार्ड हो तो रेफर के मामले घटेंगे.बन गया कैदी वार्ड
बताया गया कि कोरोना काल में गढ़वा सदर अस्पताल के पुराने बिल्डिंग में अस्थायी तौर आइसीयू वार्ड बना था ,जो वर्तमान में कैदी वार्ड बन गया है. इसलिए अब अस्पताल के नये भवन में आइसीयू वार्ड बनाने की कार्य योजना स्वास्थ्य विभाग ने तैयार की है. देखना होगा विभाग की यह योजना कब तक मूर्त रूप लेता है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन यह सही है की सदर अस्पताल में आइसीयू वार्ड नहीं रहने के कारण परेशानी हो रही है. अस्पताल के नये बिल्डिंग में आइसीयू वार्ड बनाने की कार्य योजना तैयार की गयी है. प्रक्रिया जल्द पूरी हो इसे लेकर अस्पताल उपाधीक्षक को निर्देश दिया गया हैं. इस कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.डॉक्टर अशोक कुमार, सिविल सर्जन, गढ़वा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
