भवनाथपुर में पावर प्लांट की स्थापना के मुद्दे पर फिर चढ़ा सियासी पारा
भवनाथपुर में पावर प्लांट की स्थापना के मुद्दे पर फिर चढ़ा सियासी पारा
– सोशल मीडिया पर आमने-सामने हुए विधायक व पूर्व विधायक – विधायक अनंत ने पावर प्लांट की स्थापना के संकल्प पूरा करने के लिए छठी मईया से मांगी शक्ति – पूर्व विधायक भानु ने तंज कसते हुए कहा कि कम से कम इसमें देवी देवता को मत घसीटिये प्रतिनिधि, गढ़वा भवनाथपुर में पावर प्लांट की स्थापना का मुद्दा काफी अहम है. वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में भवनाथपुर के लिए यह सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा था. इस मुद्दे को उठाने वाले अनंत प्रताप देव अब इस इलाके के विधायक हैं. उनके निर्वाचित हुए लगभग एक साल पूरे होने को है. इस बीच एक बार फिर भवनाथपुर पावर प्लांट की स्थापना को लेकर सियासी पारा चढ़ गयी है. दरअसल छठ महापर्व के मौके पर विधायक अनंत प्रताप देव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया. वी़डियों में उन्होंने लोगों को छठ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छठी मईया उन्हें शक्ति प्रदान करें, ताकि वह भवनाथपुर में पावर प्लांट की स्थापना के संककल्प को पूरा कर सके. विधायक के वीडियो जारी करने के बाद पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही ने उनपर पलटवार किया. पूर्व विधायक ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर विधायक अनंत पर तंज कसते हुए लिखा कि कम से कम पावर प्लांट में छठी मईया को मत घसीटिये राजा जी (विधायक अनंत प्रताप देव ) देवी देवता को बख्श दीजिए. भवनाथपुर में रोजगार का मुद्दा अहम भवनाथपुर विस में रोजगार का मुद्दा काफी अहम है. पावर प्लांट लगने से लोगों को रोजगार के साथ इलाके को निर्बाध बिजली मिलेगी. विधायक अनंत प्रताप देव का यह प्रमुख चुनावी मुद्दा था. चुनाव जीतने के बाद वह कई सभाओं में अपने इस राजनीतिक संकल्प पूरा करने के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहरा चूके हैं. इस बीच इसकी स्थापना नहीं होने को लेकर पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही भी लगातार चुनावी वादे को याद करा कर वर्तमान विधायक अनंत प्रताप देव पर राजनीतिक हमला करने से नहीं चूकते हैं. 2014 में पावर प्लांट का हुआ था शिलान्यास भवनाथपुर पावर प्लांट की स्थापना का मामला काफी समय से लंबित है. 1320 मेगावाट क्षमता वाले इस पावर प्लांट का शिलान्यास 19 फरवरी 2014 को मुख्यमत्री हेमंत सोरेन ने किया था. उस समय इसे तीन साल के भीतर स्थापित करने का लक्ष्य था, जिससे क्षेत्र में रोजगार और 24 घंटे बिजली की उम्मीद जगी थी. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका
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