देश के विकास के लिए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प, जयंती पर याद किए गए डॉ राम मनोहर लोहिया

Ram Manohar Lohia Jayanti: गढ़वा जिले में डॉ राममनोहर लोहिया की जयंती पर रविवार को उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. लोहिया विचार मंच ने उन्हें याद किया. वक्ताओं ने कहा कि सत्याग्रह के जरिए वे समाजवाद की स्थापना करना चाहते थे. देश के विकास के लिए उनके बताए मार्ग पर चलने की जरूरत है.

By Guru Swarup Mishra | March 23, 2025 4:14 PM

Ram Manohar Lohia Jayanti: श्री बंशीधर नगर(गढ़वा), बिनोद ठाकुर-डॉ राममनोहर लोहिया विचार मंच की ओर से डॉ लोहिया की 115वीं जयंती पर गढ़वा जिले के भवनाथपुर मोड़ स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. मंच के अध्यक्ष कृष्णा विश्वकर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया प्रखर समाजवादी नेता, प्रसिद्ध विचारक और चिंतक थे. उनका जन्म उत्तरप्रदेश के अंबेडकर जिले के अकबरपुर ग्राम में हुआ था. उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए हमें उनके बताए मार्ग पर चलने की जरूरत है, तभी देश और समाज का विकास संभव है. वक्ताओं ने कहा कि ये समाजवाद की स्थापना सत्याग्रह के माध्यम से करना चाहते थे. उनका मानना था कि यूरोपीय समाजवाद देश के लिए लाभकारी नहीं है.

तीन महीने में सीख ली थी जर्मन भाषा-सीताराम जायसवाल


सेवानिवृत्त शिक्षक सीताराम जायसवाल ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया शुरू से ही मेधावी छात्र रहे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय में हुई. उन्होंने 22 वर्ष की अवस्था में ही डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त कर ली थी. अपनी तीव्र बुद्धि के कारण उन्होंने तीन माह में ही जर्मन भाषा सीखकर अपने प्रोफेसर को आश्चर्यचकित कर दिया था. उन्होंने कहा कि वे व्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थक थे. इनके पारखी व्यक्तित्व ने पूरी दुनिया और भारत का भविष्य देख लिया था. इनकी कही बातें आज सत्य साबित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि जर्मनी में 6 वर्ष तक रहने के कारण इनके जीवन पर कार्ल मार्क्स का प्रभाव परिलक्षित होता है. इनके जीवन पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी प्रभाव था. कहा जाता है कि इनके जीवन में ढाई आदमी का प्रभाव दिखाई देता है. इनमें कार्ल मार्क्स, महात्मा गांधी और आधा जवाहरलाल नेहरू का. डॉ लोहिया विशाल व्यक्तित्व के धनी थे.

मौके पर ये थे मौजूद


मौके पर मंच के संरक्षक विजय सिंह, मथुरा पासवान,सलीम अंसारी,कमलेश बिहारी,बसंत जायसवाल,सत्येंद्र कुमार ठाकुर,पेंशनर समाज के अध्यक्ष गदाधर पांडेय,रामानन्द पांडेय,कमलेश्वर पांडेय,शिवनारायण चौबे,गोपाल राम,सुदर्शन राम,ओमप्रकाश विश्वकर्मा सहित अन्य उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सीताराम जायसवाल ने किया.

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