रंका में सिर्फ 1 प्रतिशत लक्षित मजदूरों को ही मिला मनरेगा का काम
इस वित्तीय वर्ष 6528 मजदूरों को मनरेगा में काम देने का रखा गया था लक्ष्य
इस वित्तीय वर्ष 6528 मजदूरों को मनरेगा में काम देने का रखा गया था लक्ष्य नंद कुमार, रंका (गढ़वा) सरकार भले ही मनरेगा योजना के तहत हर मजदूर को सौ दिन का रोजगार देने का दावा करे, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है. रंका प्रखंड में स्थानीय प्रशासन इस लक्ष्य को हासिल करने में पूरी तरह विफल रहा है. रोजगार नहीं मिलने के कारण यहां के मजदूर बड़ी संख्या में रोजी-रोटी की तलाश में रायपुर, रायगढ़, गुजरात, पुणे, दिल्ली और हरियाणा जैसे शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. प्रतिदिन दर्जनों मजदूर अपने परिवार के साथ गांव छोड़ रहे हैं. रंका प्रखंड में कुल 31,305 जॉब कार्डधारी मजदूर पंजीकृत हैं. वर्ष 2025-26 में 6,582 मजदूरों को सौ दिन का रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक सिर्फ 69 मजदूरों को ही 100 दिन का काम मिल सका है. यानी महज एक प्रतिशत मजदूरों को ही रोजगार मिला, जबकि 99 प्रतिशत लक्ष्य अधूरा रह गया. इससे सरकार की विकास योजनाओं की हकीकत खुलकर सामने आ गयी है. रंका प्रखंड के चौदह पंचायतों में बाहाहारा पंचायत में 3317, बिश्रामपुर पंचायत में 2054, चुटिया पंचायत में 1949, चुतरू पंचायत में 1194, दुधवल पंचायत में 1603, कंचनपुर पंचायत में 2449, कटरा पंचायत में 1906, खपरो पंचायत में 2898, खरडीहा पंचायत में 1748, मानपुर पंचायत में 2605, रंकाकला पंचायत में 1981, सिरोईखुर्द पंचायत में 2444, सोनदाग पंचायत में 2855, तमगेकला पंचायत में 2302 लोगों को जॉब कार्ड निर्गत किये गये हैं. इनमें अधिकांश पंचायतों में मजदूरों को अब तक कोई कार्य उपलब्ध नहीं कराया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में महीनों से कोई काम शुरू नहीं हुआ, जिसके चलते उन्हें बाहर जाना पड़ रहा है. क्या कहते हैं बीपीओ इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) हाशिम अंसारी ने कहा कि बारिश के मौसम में काम बंद रहने के कारण लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. उन्होंने दावा किया कि मार्च तक लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा.
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