कोरवा मरीज से मांगा रॉड का खर्च, 21 दिन से टल रहा ऑपरेशन
सदर अस्पताल में इलाज में आनाकानी से मरीज व परिजन परेशान
सदर अस्पताल में इलाज में आनाकानी से मरीज व परिजन परेशान प्रभाष मिश्रा, गढ़वा सदर अस्पताल में चिकित्सकों की मनमानी और लापरवाही एक बार फिर सामने आयी है. डंडई थाना क्षेत्र के पोखरिया निवासी मुंद्रिका कोरवा, जो विलुप्तप्राय आदिम जनजाति से संबंधित हैं, 31 अक्टूबर को सड़क दुर्घटना में घायल हो गये थे. उनके बाएं हाथ की हड्डी टूटने के बाद उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 21 दिनों बाद भी उनका ऑपरेशन नहीं किया गया है. इससे मरीज और परिजनों में गहरी नाराजगी है. परिजनों के अनुसार शुरुआत में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार मालवा ने ऑपरेशन की बात कही थी, जिसके बाद परिजनों ने तीन यूनिट खून की व्यवस्था भी कर दी, लेकिन उनके अवकाश पर जाने के बाद मरीज को दूसरे हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ नौशाद आलम को सौंप दिया गया. सिविल सर्जन से शिकायत के बाद सीएस ने उन्हें ऑपरेशन करने का निर्देश दिया, पर आरोप है कि डॉक्टर ने हार्टबीट बढ़ी होने का बहाना बनाकर ऑपरेशन से मना कर दिया, जबकि इसीजी रिपोर्ट सामान्य थी. आरोप यह भी है कि ऑपरेशन के लिए आवश्यक रॉड लाने के नाम पर 15 हजार रुपये की मांग की गयी. मरीज के चचेरे भाई शिवलाल कोरवा ने बताया कि जब उन्होंने इसीजी रिपोर्ट दिखाई तो डॉक्टर भड़क गये और ऑपरेशन न करने की बात कह डाली. मरीज की बेटी नंदनी कुमारी और चाची गौरी देवी ने कहा कि वे अत्यंत गरीब हैं और बाहर इलाज कराने में असमर्थ हैं. इस मामले की शिकायत उपायुक्त से करने की तैयारी की जा रही है. ऑपरेशन का दिया गया है निर्देशः सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ जान एफ केनेडी ने बताया कि ऑपरेशन का निर्देश डॉ नौशाद आलम को दिया गया है और मरीज का इलाज हर हाल में सदर अस्पताल में ही कराया जायेगा.
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