मेदिनीनगर व रेहला से गढ़वा में छोटे दुकानदारों तक पहुंच रही मिलावटी मिठाइयां
मिलावटी मिठाई के खिलाफ रक्षाबंधन से पहले कार्रवाइ से बड़े करोबारी सहमे
मिलावटी मिठाई के खिलाफ रक्षाबंधन से पहले कार्रवाइ से बड़े करोबारी सहमे जितेंद्र सिंह, गढ़वा पिछले महीने रक्षाबंधन से पहले गढ़वा एसडीएम संजय कुमार की कार्रवाई में मिलावटी मिठाई के कारोबार का बड़ा सिंडिकेट उजागर हुआ था. अब एक बार फिर त्योहार का मौसम शुरू होने वाला है. ऐसे में आम लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि स्थिति अब क्या है. इसे लेकर प्रभात खबर ने पड़ताल की, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. दरअसल, मिलावटखोरों ने अपना तरीका और कारोबार का स्थान बदल लिया है. प्रशासनिक कार्रवाई के बाद गढ़वा के थोक कारोबारियों ने भले ही स्टॉक बंद कर दिया हो, लेकिन छोटे और खुदरा दुकानों तक अब भी मिलावटी मिठाई पहुंच रही है. इनका शिकार गरीब और मध्यम वर्ग के लोग हो सकते हैं. जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय समेत आसपास के प्रखंडों के बाजारों में खुदरा दुकानों में मिलावटी मिठाई सप्लाई की जा रही है. पलामू बना मिलावटी मिठाई का केंद्रबिंदु गढ़वा में एसडीएम की सख्ती से यहां के कारोबारियों में अब भी भय है. लेकिन जो खुदरा दुकानदार पहले गढ़वा से मिलावटी मिठाई लाकर बेचते थे, उनके लिए अब पलामू जिला नया विकल्प बन गया है. सूत्रों के अनुसार गढ़वा से सटे रेहला मिलावटी मिठाई का नया स्टॉक प्वाइंट बन गया है. इसके अलावा पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में भी बड़े पैमाने पर मिलावटी मिठाई, खोआ और पनीर का भंडारण किया गया है. इन्हीं जगहों से गढ़वा के खुदरा दुकानदार मिठाई मंगाकर बेच रहे हैं. 75 क्विंटल मिठाई जब्त हुई थी रक्षाबंधन के दौरान एसडीएम संजय कुमार ने पांच दिनों तक लगातार छापेमारी की थी. इस दौरान 75 क्विंटल मिलावटी मिठाई बरामद हुई थी. प्रारंभिक जांच में इन मिठाइयों के मिलावटी होने की पुष्टि भी हुई थी. कार्रवाई के बाद लोग सकते में आ गये थे कि अब तक वे मिठाई के नाम पर मीठा जहर खा रहे थे. असर यह हुआ कि कई लोगों ने विश्वसनीय दुकानों से ही मिठाई खरीदी या फिर घर पर पारंपरिक मिठाई बनाकर त्योहार मनाया. अब दशहरा और दीपावली जैसे बड़े पर्व सामने हैं, ऐसे में लोगों को सजग रहना होगा ताकि इस धीमे जहर से खुद और अपने परिवार को बचा सकें. बनारस की डिब्बाबंद मिठाई भी शक के घेरे में एसडीएम के अनुसार बरामद मिठाइयों में से 40 क्विंटल डिब्बाबंद थीं. इन पर फूड लाइसेंस, एक्सपायरी डेट और निर्माता कंपनी का नाम दर्ज था. लेकिन प्राथमिक जांच में वे भी फेल हो गयीं. सैंपल को रांची लैब भेजा गया है. अगर वहां भी मिठाइयां फेल पायी गयीं, तो बनारस की उस कंपनी पर कार्रवाई होगी. शिकायत के लिए हेल्पलाइन जारी एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि मिलावट का खेल केवल त्योहारों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे साल चल सकता है. यह केवल मिठाइयों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य खाद्य वस्तुओं में भी मिलावट की आशंका है. यह आमजन से जुड़ा मुद्दा है, इसलिए इसमें जनता की भागीदारी जरूरी है. उन्होंने बताया कि मिलावटखोरी की शिकायत दर्ज कराने के लिए व्हाट्सएप नंबर 6203263175 जारी किया गया है. इस नंबर पर केवल मैसेज भेजा जा सकता है, कॉल नहीं जायेगी. शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जायेगी
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