हाथियों ने आधा दर्जन घरों को क्षतिग्रस्त किया, कई क्विंटल अनाज भी खा गये

रमकंडा : पिछले एक माह से जिले के रमकंडा, रंका व चिनिया प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में घूम-घूम कर हाथियों द्वारा मचाया जा रहा उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों प्रखंड के बलिगढ़ गांव में घरों को तोड़ने के बाद बुधवार की रात हाथियों के झुंड ने रमकंडा प्रखंड मुख्यालय के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 24, 2020 1:06 AM

रमकंडा : पिछले एक माह से जिले के रमकंडा, रंका व चिनिया प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में घूम-घूम कर हाथियों द्वारा मचाया जा रहा उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों प्रखंड के बलिगढ़ गांव में घरों को तोड़ने के बाद बुधवार की रात हाथियों के झुंड ने रमकंडा प्रखंड मुख्यालय के उपरटोला निवासी भोला राम के घर को क्षतिग्रस्त कर उसमें रखे गये करीब 15 क्विंटल धान चट कर गये. इसके साथ ही हाथियों ने किसान के घर में रखे 200 फिट पाइप व 10 कट्ठा में गेहूं की फसल को भी रौंदकर बर्बाद कर दिया.

किसान ने बताया कि करीब नौ बजे रात में हाथियों का झुंड अचानक पहुंच कर घर के दरवाजे को उखाड़ने लगा. आवाज सुनने के बाद टॉर्च के सहारे हाथियों को कुछ दूर तक खदेड़ा, लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद हाथियों का झुंड पूरी तरह से अड़ गया. बाद में घर में रखे मवेशियों के साथ उनका परिवार ने टोले में एक अन्य मकान में जाकर रात गुजारी.
हाथियों ने घंटों बाद दोबारा पहुंचकर धान रखे गये कमरे को पूरी तरह से तोड़कर उसमें रखा गया धान खा गये. इस दौरान नंदू राम भी सपरिवार टोले के दूसरे घर में शरण ली. सूचना मिलने के बाद सुबह ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी. हाथियों के प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र में पहुंचने से लोग दहशत में है.
ग्रामीणों ने बताया कि जंगली क्षेत्र के गांवों में पहले हाथी पहुंचते थे. लेकिन हाथियों के आतंक से लोगों को बचाने के लिये वन विभाग पूरी तरह से विफल है. जानकारी मिलते ही वन विभाग कर्मी सहित राजस्व कर्मचारी ने पीड़ित किसान के नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया.
इधर, दूसरी तरफ हाथियों ने आतंक मचाते हुए बिराजपुर गांव के लालचंद सिंह, जगरनाथ सिंह, महेश्वर सिंह व सीताराम साव के घर को क्षतिग्रस्त कर उसमें रखे अनाज खा गये़ वहीं सीताराम मोची के गेहूं की फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया.

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