सारंडा में खूब लोकप्रिय है “मुर्गा लड़ाई”, एक मुर्गे पर डेढ़ लाख का दावं

सारंडा : मानव मन अपने मनोरंजन के लिए विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देते रहता है. दुनिया के अलग – अलग हिस्सों में विभिन्न खेलों का ईजाद किया गया है. स्पेन में मनुष्य और सांड का युद्ध प्रसिद्ध है, तामिलनाडु में जलीकट्टू जैसे खेल का आयोजन होता रहा है. मनुष्य के साहस, वीरता और बुद्धिमता को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2017 3:27 PM

सारंडा : मानव मन अपने मनोरंजन के लिए विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देते रहता है. दुनिया के अलग – अलग हिस्सों में विभिन्न खेलों का ईजाद किया गया है. स्पेन में मनुष्य और सांड का युद्ध प्रसिद्ध है, तामिलनाडु में जलीकट्टू जैसे खेल का आयोजन होता रहा है. मनुष्य के साहस, वीरता और बुद्धिमता को मापने का पैमाना यह खेल हुआ करते थे. इन खेलों ने मानव के अंदर सामूहिकता का जन्म दिया है. मनुष्य के इस खास जरूरत ने ‘मुर्गा लड़ाई’ जैसे एक ऐसे खेल को जन्म दिया है, जो झारखंड के कई हिस्सों में आज भी लोकप्रिय है.

एक टेंट के अंदर लोगों की भीड़ जुटी हुई है. वहां मुर्गा लड़ाई का खेल कुछ ही देर में शुरू होने वाला है. टेंट के अंदर मौजूद दर्शकों में कौतूहल और रोमांच का माहौल है. तभी आप देखते हैं कि दो युवक टेंट में प्रवेश करता है. दोनों के हाथ में मुर्गा है. यह इलाके का लोकप्रिय खेल ‘मुर्गा लड़ाई’ है. यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी. जबतक कोई मुर्गा घायल या फिर मर नहीं जाता है. ‘मुर्गा लड़ाई’ सालों से इस इलाके का प्रमुख खेल रहा है लेकिन अब इसका स्वरूप बदल रहा है. हम आपको मुर्गा लड़ाई का वीडियो दिख रहे हैं, इस लड़ाई में मुर्गा की कीमत डेढ़ लाख रूपये हैं

झारखंड के कोल्हान प्रमंडल में मुर्गा लड़ाई की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है. पहले यह मुर्गा लड़ाई मनोरंजन का साधन रहा करती थी लेकिन बदलते वक्त के साथ इसका स्वरूप बिगड़ गया और अब लोग मुर्गो पर दांव लगाना शुरू कर दिये हैं. अब इस लड़ाई के नाम पर जुआ शुरू हो गया है. हम आज आपको जो वी

कैसे होती है मुर्गे की लड़ाई

मुर्गा लड़ाई के लिए पहले मुर्गे को प्रशिक्षीत किया जाता है.लड़ने के लिए तैयार मुर्गे के एक पैर में ‘यू’ आकार का एक हथियार बंधा हुआ होता है जिसे ‘कत्थी’ कहा जाता है. झारखंड के कोल्हान प्रमंडल में आज भी मुर्गा लड़ाई का रिवाज जिंदा है. जब दो मुर्गा लड़ने के लिए तैयार हो जाता है तो वहां उपस्थित दर्शक मनपसंद मुर्गे पर सट्टा लगाते हैं. धीरे – धीरे मुर्गा लड़ाई सट्टा या जुए के रूप ले रही है.

कैसे होती है तैयारी

मुर्गा लड़ाई के लिए मुर्गाबाज मुर्गा को तैयार करने के लिए विशेष मुर्गा पर दांव लगाते हैं. मुर्गा को पौष्टिक खाना दिया जाता है. कई बार मुर्गे का मांस भी खिलाया जाता है. मुर्गा को आक्रमक बनाने के लिए कई तरह के उपाय लगाये जाते हैं.