हक-अधिकार व निबंधन को लेकर मजदूरों को किया जागरूक
जोहार मानव संसाधन विकास केंद्र में हुई बैठक
दुमका. जोहार मानव संसाधन विकास केंद्र के द्वारा सदर प्रखंड के दरबारपुर पंचायत अंतर्गत भूलपहाड़ गांव में डेस्टिनेशन स्टेट गुजरात से वापस लौटे पांच मजदूरों और ग्रामीणों के साथ निबंधन के लिए जागरूकता बैठक आयोजन किया गया. वापस लौटे प्रवासी मजदूर पिछले नो महीनों से गुजरात के गोगिश प्लांट में कार्यरत थे. कड़ी मशक्कत के बाद कंट्रोल रूम और प्रवासी सहायता एवं सूचना नेटवर्क टीम के साझा प्रयास में सभी प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित वापस घर लाया गया. जनसंपर्क के दरम्यान प्रवासी मजदूर सामा पूजहर ने जानकारी दी कि गोगीश प्लांट में ज्यादा समय तक काम करने के मजबूर किया जा रहा था. समय पर भी मानदेय राशि भुगतान नहीं किया जाता था. सुशील पुजहर ने बताया कि अभी भी 6 महीने का मानदेय राशि भुगतान नहीं किया गया है. इस अवसर पर प्रवासी मजदूरों के हक अधिकार, समस्या चुनौतियां और सरकार की जवाबदेही और निबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी. इस अवसर पर जोहार मानव संसाधन विकास केंद्र दुमका हब के माइग्रेंट लिंक वर्कर सुशांत सोरेन ने प्रवासी मजदूरों के हक अधिकार, समस्या चुनौतियां और सरकार की जवाबदेही के संबंध में संवैधानिक प्रदत हक अधिकारों के सन्दर्भ जानकारी देते हुए बताया कि विगत कई सालों से संताल परगना प्रमंडल में रोज़गार के विकल्प न होना , कम मानदेय,परिवारिक मतभेद जैसे कई सामाजिक और आर्थिक कारणों से संताल परगना प्रमंडल के आदिवासी प्रवास होने को मजबूर हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रवासन पूर्व हरेक प्रवासी मजदूरों का निबंधन, सोर्स और डेस्टिनेशन स्टेट की जानकारी, कार्य, मानदेय, काम की अवधि, रहने खाने पीने की सुविधा जैसे बुनियादी आवश्यकताओं के बारे जानकारी रखना अनिवार्य है. इस अवसर पर वापस लौटे प्रवासी मजदूरों और ग्रामीण महिलाओं को जागरुकता हैंडबिल वितरण किया गया. मौक पर बुधन पुजहर, सुशील पुजहर, सामा पुजहर, रासमुनी पुजहारिन, उमेश पुजहर और शंभू पुजहर मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
