राम की भक्ति पाने के लिए महादेव की शरण में जाना होगा : अजय परासर
शिव शक्ति महायज्ञ व रामकथा के सातवें दिन कथा वाचक ने भगवान राम के जीवन के आदर्शों को अपनाने की सीख दी.
बासुकिनाथ. जरमुंडी प्रखंड के कुशमाहा बाराटांड़ मैदान में मंगलवार को विश्व कल्याणार्थ व समाज में सुख-शांति व समृद्धि के लिए यज्ञ के सातवें दिन, वैदिक रीति-रिवाजों और रामकथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा हुए. सातवें दिन बुधवार को सुबह महायज्ञ में आहुतियां देकर मंगल कामना करने वालों की भीड़ रही. बनारस से पहुंचे यज्ञाचार्य संत त्यागी महाराज, हरेंद्र शास्त्री महाराज, पियूष द्विवेदी, अरविन्द पाण्डेय द्वारा हवन कुंड में आहुति दिलायी गयी. काशी बनारस से पहुंचे कथावाचक अजय परासर महाराज द्वारा कथा में भगवान राम के जीवन के आदर्शों को अपनाने की सीख दी गयी. कथाओं को युवाओं के लिए भी बहुत आवश्यक बताया गया, ताकि वे अपने जीवन में राम के आदर्शों को उतार सकें. बताया गया कि जब मनुष्य का भगवान पर विश्वास गहरा होता है, तो उसके सारे दुख समाप्त हो जाते हैं. संत त्यागी महाराज ने कहा कि रामचरितमानस में जीवन के हर प्रश्न का उत्तर निहित है. कहा गया कि राम की भक्ति पाने के लिए महादेव की शरण में जाना होगा. जिस घर में रामचरितमानस होती है, उस घर की रक्षा स्वयं हनुमानजी करते हैं. भगवान श्रीराम के वनवास के प्रसंग का वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रद्धालुओं की आंखें भर आयीं. उन्होंने भगवान को पिता का आज्ञाकारी होने और भाइयों के प्रति उनके प्रेम की कथा भी सुनायी. मौके पर यज्ञ के सफल संचालन में मुखिया दामोदर गृही, बरुण कुमार मिश्रा, संजीत यादव, उदित कुमार मिश्रा, कृपाशंकर मिश्रा, कांग्रेस राय, जगदीश मंडल, महाराजी राउत सहित दर्जनों सदस्य लगे हुए हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
