जाे काम सालभर में नहीं हुआ, वह फोन जाते ही हो गया
पूर्व सीएम रघुवर दास की पहल पर सेवानिवृत अनुसेवक की विधवा काे मिल पायेगा पेंशन. प्रधान महालेखाकार कार्यालय ने त्रुटियों के सुधार के लिए कोषागार पदाधिकारी को लिखा.
संवाददाता, दुमका. बंदोबस्त कार्यालय दुमका के सेवानिवृत अनुसेवक स्व मंगल टुडू की पत्नी सरिता हेंब्रम का जो काम सरकारी कार्यालय की लचर व्यवस्था में नहीं हो पा रहा था, वह 21 जून को फोन जाते ही महज तीन दिन में यानी 72 घंटे के अंदर हो गया है. सरिता हेंब्रम अपनी बेटी के साथ 21 जून को अपनी समस्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलने पहुंची थी. इस दौरान दुमका परिसदन में इन्होंने रघुवर दास को ज्ञापन सौंपा था और मदद की गुहार लगायी थी. बताया था कि नाम और जन्मतिथि में मामूली अंतर की वजह से तमाम तरह के पावना व पेंशन आदि का भुगतान उन्हें प्राप्त नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से घर चलाना व बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. सरिता ने बताया था कि वे लोग चक्कर काटते-काटते थक गये हैं, पर पेंशन प्रपत्र में अंकित ऑनलाइन डाटा के आधार पर पेंशन अदायगी आदेश एवं प्राधिकार पत्र में में सुधार नहीं हो रहा, जिससे पेंशन नहीं मिल पा रहा. अब प्रधान महालेखाकार कार्यालय ने त्रुटियों के सुधार के लिए कोषागार पदाधिकारी को पत्र लिखा है तथा नाम व जन्मतिथि में सुधार करने को कहा है. बेटी मिली आश्रिता टुडू ने बताया कि बंदोबस्त कार्यालय से उनके पिता मंगल टुडू सेवानिवृत हुए थे और सालभर पहले उनका निधन हो गया था. पेंशन आदि के लिए जो दस्तावेज सर्विस बुक व अन्य दस्तावेज में मां के नाम में स्पेलिंग में अंतर था. सुधार के लिए संबंधित दस्तावेज प्रधान महालेखाकार को भेजा गया था, लेकिन काम नहीं हो रहा था. जानकारी हुई थी कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास दुमका आये हैं, उनसे मिलकर ज्ञापन दिया था, तो तीसरे ही दिन काम हो गया. आश्रिता ने बताया कि पिता के न रहने व पेंशन आदि न मिलने से परिवार की स्थिति बेहद खराब हो गयी थी. आगे की पढ़ाई के लिए दाखिला तक लेना मुश्किल हो रहा था. कहा कि हमारा परिवार पूर्व मुख्यमंत्री का आभारी है, जिन्होंने इस आदिवासी परिवार की पीड़ा को समझा और तुरत निराकरण कराया. अब काम आगे बढ़ पायेगा, ऐसी उम्मीद है.
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