रथ खींचने से जीवात्मा को मिलती है मुक्ति : दिवाकर झा
बासुकिनाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ का रथ सज-धज कर निकला
बासुकिनाथ. बाबा फौजदारीनाथ दरबार से शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा सज धज कर निकली. भक्तों ने भगवान की पूजा विधि विधानपूर्वक किया. पंडित दिवाकर झा व सारंग झा ने बताया कि रथयात्रा में भगवान के रथ को खींचने से जीवात्मा को मुक्ति मिलती है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलदाऊ ने भक्तों को दर्शन किया. रथ के आगे चलनेवाले भक्तों ने रथ की रस्सी खींचकर रथ को आगे बढ़ाया. रथ यात्रा शुरू होने के पहले भगवान का पूजन-अभिषेक किया गया. शंख की ध्वनि से क्षेत्र गुंजायमान रहा. भगवान का रथ मंदिर परिसर से निकलकर नगर भ्रमण करते हुए नंदी चौक, नागनाथ चौक होते हुए पुन: मंदिर पहुंचे. भक्त जयघोष के साथ रथ को श्रद्धापूर्वक व भक्तिभाव से खींचते हुए ले जा रहे थे. इस दौरान रथ यात्रा जहां से भी निकली, लोग भगवान का जगन्नाथ का आशीर्वाद लेकर खुद को धन्य मान रहे थे. वहीं जरमुंडी स्थित ठाकुरबाड़ी से भी भगवान का रथ सज-धज का निकला. भक्तों ने रथ का दर्शन किया. प्रसाद का वितरण किया. मंदिर के पंडा धर्मरक्षिणी सभा अध्यक्ष मनोज पंडा, विनय झा, बंटी राव, संतोष झा, भाष्कर पंडा आदि मौजूद थे.
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