तीनों जलाशयों को पर्यटन स्थल बनाये जिला प्रशासन

बड़ानदी, दिगलपहाड़ी व कैराबनी डैम की उपेक्षा पर लोगों ने जतायी नाराजगी, कहा

By RAKESH KUMAR | September 14, 2025 11:37 PM

रानीश्वर. प्रथम पंचवर्षीय योजना में मसानजोर डैम बनने के बाद उसी तर्ज पर रानीश्वर में भी तीन कच्चे डैम का निर्माण कराया गया है. मसानजोर डैम जैसा ही दो पहाड़ों के बीच पहाड़ी झरने को मिट्टी का बांध बांधकर बड़ानदी डैम, दिगलपहाड़ी व कैराबनी डैम बनाया गया है. तीनों से नहर निकाल कर सिंचाई भी उपलब्ध करायी जा रही है. इन तीन डैम का निर्माण कराये जाने के बाद से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने का पहल नहीं की गयी है. दिगलपहाड़ी डैम के पास प्रभात खबर संवाद के दौरान लोगों ने पर्यटनस्थल की उपेक्षा का मुद्दा उठाया. कहा कि जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग जल्द सुविधा बढ़ाये ताकि लोगों को रोजगार मिल सके. बताया कि ठंड के मौसम में तीनों डैम में काफी संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने व प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाने पहुंचते हैं, पर बाहर से आनेवाले पर्यटकों के सुविधा के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है. हालांकि वन विभाग की ओर से दिगलपहाड़ी डैम के उत्तर भाग के पहाड़ पर बंगला का निर्माण कराया गया है. वहीं बड़ानदी व कैराबनी डैम में कोई सुविधा नहीं है. बरसात में बारिश होने से कहीं पर ठहरने की व्यवस्था भी नहीं है. दिगलपहाड़ी डैम तक पहुंचने के लिए बांयी ओर दांयी दोनों तरफ से पक्की सड़क बनी है. पर दायीं ओर बनी सड़क जर्जर स्थिति में है, जबकि बड़ानदी व कैराबनी डैम तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क तक नहीं बनी है. दिगलपहाड़ी व अन्य सभी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग स्थानीय लोग करते रहे हैं. क्या कहते हैं स्थानीय लोग जिले के अन्य पर्यटन स्थलों के साथ साथ दिगलपहाड़ी, बड़ानदी व कैराबनी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. इसके लिए जिला प्रशासन और सरकार से पहल करनी चाहिए. तीनों डैम पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने पर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा. वहीं यहां साल भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहेगा. विमल मोदी प्रखंड क्षेत्र के दो पहाड़ों के बीच बनाये गये डैम व आसपास का इलाका अति मनोरम है. चारों ओर हरियाली है. तीनों डैम बनने के बाद इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए किसी भी स्तर पर खास पहल नहीं की गयी. डैम तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क निर्माण करना चाहिए. इसके अलावा पर्यटकों के लिए शेड, पेयजल, बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए. सुधेष सिंह तीनों डैम में वोटिंग की व्यवस्था करने के साथ सौंदर्यीकरण के लिए भी जिला प्रशासन से पहल करनी चाहिए. डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने पर रानीश्वर क्षेत्र का भी विकास होगा. यहां दुमका जिले के विभिन्न जगहों से पर्यटक पहुंचने के साथ-साथ पश्चिम बंगाल से भी काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. पर यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. संजीत रक्षित पर्यटकों के ठहरने के लिए वन विभाग या जिला प्रशासन से गेस्ट हाउस निर्माण किया जाना चाहिए. पर्यटकों के लिए सुविधा उपलब्ध कराये जाने से सरकार को राजस्व की आमदनी होगी. आसपास के युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा. डैम बनने के बाद इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने पर क्षेत्र का अपेक्षाकृत ज्यादा विकास होता. पहल हो. शीतल दत्त दिगलपहाड़ी व अन्य डैम में पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा अन्य कोई सुविधा नहीं है. बच्चों के लिए पार्क व शेड आदि का निर्माण तथा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भी डैम के आसपास के क्षेत्र की सजावट की जरूरत है. तीनों डैम का दृश्य अति मनोरम है पर अभी तक इसके विकास के लिए सकारात्मक पहल नहीं की गयी है. अनिल भंडारी दिगलपहाड़ी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने से आसपास के गांवों का भी विकास हो सकेगा. साल भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहने से युवकों को छोटी-मोटी व्यवसाय कर रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा. युवाओं का अन्यत्र पलायन भी कम हो सकेगा. इसके लिए जिला प्रशासन व राज्य सरकार को पहल करने की जरूरत है. निताई दां पर्यटन स्थल मसानजोर में भीड़ से बचने के लिए पर्यटक शांत परिवेश में दिगलपहाड़ी डैम पहुंच कर प्राकृतिक सौंदर्य उपभोग परिवार के सदस्यों के साथ करना चाहते हैं, पर इसके लिए सरकार को भी पहल करनी चाहिए. ताकि बाहर से आनेवाले पर्यटकों को सुविधा मिल सके. डैम को पर्यटनस्थल के रूप में विकसित करने पर आसपास दुकानें भी लग सकती है. रावण दत्त आसनबनी बाजार से दिगलपहाड़ी डैम व बड़ानदी डैम नजदीक में है. डैम को विकसित करने पर तथा रोशनी की व्यवस्था किये जाने पर आसनबनी व आसपास के गांवों के लोग अपने परिवार के सदस्यों या बच्चों के साथ शाम के समय डैम में पहुंच कर कुछ समय बीता सकते हैं. शाम ढलने के साथ ही यहां अंधेरा-छा जाता है. पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए. गौरांग दां

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