अध्यापन में अधिक से अधिक टीएलएम को शामिल करें शिक्षक : डीएसई
डायट दुमका में शिक्षकों को नवाचार आधारित प्रशिक्षण मिला. कार्यक्रम में मसलिया, दुमका, सरैयाहाट, शिकारीपाड़ा, रामगढ़, काठीकुंड एवं रानीश्वर प्रखंडों से चयनित शिक्षकों ने भाग लिया.
दुमका. दुमका जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में जिला शिक्षा अधीक्षक-सह-प्राचार्य आशीष कुमार हेंब्रम के निर्देशन में शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मसलिया, दुमका, सरैयाहाट, शिकारीपाड़ा, रामगढ़, काठीकुंड एवं रानीश्वर प्रखंडों से चयनित शिक्षकों ने भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसमें प्रभारी प्राचार्य मधुश्री कुमारी, संकाय सदस्य एवं रिसोर्स पर्सन शामिल रहे. विषय प्रवेश कराते हुए डायट संकाय सदस्य प्रियंकर परमेश ने कहा कि किसी भी विषय को सरल और प्रभावी ढंग से समझाने में टीएलएम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि शिक्षक स्वयं में भी एक टीएलएम हैं, इसलिए बच्चों के समक्ष आकर्षक और प्रेरक प्रस्तुति दें ताकि वे उसका अनुकरण कर सकें. जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष हेंब्रम ने कहा कि शिक्षकों को अपने अध्यापन में अधिक से अधिक टीएलएम को शामिल करना चाहिए. उन्होंने बताया कि दुमका जिले के कई शिक्षक राष्ट्रीय स्तर पर टीएलएम श्रेणी में सम्मानित हो चुके हैं और उम्मीद है कि आगे और भी शिक्षक इस श्रेणी में अपनी पहचान बनाएंगे. कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में शिक्षक नथानियेल मरांडी, श्रीकांत पांडे एवं मिथुन नंदी ने टीएलएम की परिभाषा, आवश्यकता, निर्माण प्रक्रिया तथा विषयवार उपयोगिता को पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से विस्तारपूर्वक समझाया. अंतिम चरण में सभी प्रतिभागियों को हैंड्स-ऑन प्रैक्टिस कराया गया, जिसमें शिक्षकों ने समूहों में टीएलएम तैयार कर उसका प्रदर्शन किया. पूरे कार्यक्रम में संकाय सदस्य किशोर कुमार मंडल ने प्रतिभागियों का पंजीकरण कार्य संभाला. वहीं सुब्रत गोराई, चांदनी कुमारी, लेखापाल ओमप्रकाश और सनातन टुडू सहित अन्य सदस्यों की भूमिका कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण रही.
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