सौर ऊर्जा भविष्य की जरूरत और सबसे स्थायी आधार
सौर ऊर्जा पर केंद्रित व्यवसायिक भागीदार सम्मेलन को सांसद नलिन सोरेन व विधायक डॉ लुईस मरांडी ने संबोधित किया. कहा कि सौर ऊर्जा भविष्य की जरूरत है.
दुमका. दुमका के दासोरायडीह स्थित कृष्णा गार्डन में रविवार को जय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं देश की अग्रणी सौर ऊर्जा कंपनी वारी द्वारा व्यावसायिक भागीदार सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सांसद नलिन सोरेन और विशिष्ट अतिथि जामा की विधायक डॉ लुईस मरांडी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. सांसद नलिन सोरेन ने कहा कि झारखंड जैसे बड़े ग्रामीण भूभाग वाले राज्य में सौर ऊर्जा रोजगार, बिजली आपूर्ति और पर्यावरण संरक्षण—तीनों मोर्चों पर सकारात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम है. विधायक डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि सौर ऊर्जा भविष्य की जरूरत है और ऐसे सम्मेलन युवाओं को तकनीकी व उद्यमिता के नए अवसर प्रदान करते हैं. सभा को संबोधित करते हुए वारी कंपनी के अधिकारियों ने सौर ऊर्जा की बढ़ती उपयोगिता, भविष्य की संभावनाएं, नवीनतम तकनीक और घरेलू एवं औद्योगिक क्षेत्रों में इसके लाभों पर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में भारत में बिजली उत्पादन का सबसे स्थायी आधार सौर ऊर्जा ही होने जा रहा है, क्योंकि यह पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ उपभोक्ताओं के बिजली व्यय में उल्लेखनीय कमी लाने में सक्षम है. विशेषज्ञों ने मोनो फेशियल और बाइफेशियल पैनल, हाई-कैपेसिटी इन्वर्टर और स्मार्ट ऊर्जा समाधानों को सौर तकनीक का अगला चरण बताते हुए कहा कि कारीगरों, किसानों, व्यवसायियों, विद्यालयों, सरकारी भवनों व ग्रामीण क्षेत्रों में सौर संयंत्रों की मांग लगातार बढ़ रही है. कार्यक्रम में वारी से क्षेत्रीय प्रमुख श्री गिरीश साहू, राज्य प्रमुख कुंदन कुमार और सहायक प्रबंधक रोनो कुमार उपस्थित रहे. सिदो-कान्हू उच्च विद्यालय के निदेशक प्रदीप मुखर्जी और जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष असीम मंडल सहित कई उद्यमी व तकनीकी विशेषज्ञ भी मौजूद थे. आयोजन की जिम्मेदारी जय इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोप्राइटर अजय कुमार गोराई एवं उनकी टीम के शुभम व नारायण गोराई ने संभाली. अजय गोराई ने बताया कि वर्ष 2000 से संस्था दुमका में उच्च गुणवत्ता वाले सौर उत्पाद और समाधान उपलब्ध करा रही है तथा आने वाले समय में दुमका को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी जिला बनाने का लक्ष्य है. सम्मेलन का उद्देश्य सौर ऊर्जा के नवीनतम रुझानों, तकनीकी विकास तथा क्षेत्रीय आवश्यकताओं पर चर्चा करना था.
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