पैगंबर साहब के नक्शेकदम पर चलने का लिया संकल्प
दुमका शहर, रामगढ़, जामा, शिकारीपाड़ा, मसलिया, रानीश्वर और नोनीहाट प्रखंडों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालकर मोहब्बत, भाईचारे और इंसानियत का संदेश दिया.
दुमका. पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम के जन्मदिवस पर शुक्रवार को पूरे जिले में ईद-ए-मिलादुन्नबी का पर्व अकीदत और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. दुमका शहर, रामगढ़, जामा, शिकारीपाड़ा, मसलिया, रानीश्वर और नोनीहाट प्रखंडों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालकर मोहब्बत, भाईचारे और इंसानियत का संदेश दिया. दुमका शहर के सभी मस्जिदों और मदरसों से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया. मदरसा कादरिया नूरिया डंगालपाड़ा, मदरसा रजाए गौस दुधानी, मदरसा गुलशने हुसैन लखीकुंडी और मदरसा दारुल उलूम तेगिया ताहिरिया मिल्लत कॉलोनी से निकले जुलूस में ख्वाजा गरीब नवाज मुस्लिम सोसायटी अध्यक्ष व झामुमो प्रवक्ता अब्दुस सलाम अंसारी, मो जसीरुद्दीन सिमनानी, मौलाना अब्दुल्लाह, मौलाना मो जमील अख्तर, मौलाना मो सुलेमान नेजामी, मौलाना मोहम्मद सलीमुद्दीन मिसबाही और मो तौकीर आलम समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे. वीर कुंवर सिंह चौक के पास जलसा में उलेमाओं ने अपने तकरीर में हजरत मोहम्मद पैगंबर साहब के पैगाम के बारे में चर्चा करते हुए लोगों से इंसानियत की राह पर चलने की अपील की. वक्ताओं ने तकरीर में कहा कि पैगंबर साहब ने अपने कुशल नेतृत्व के कारण पूरे समाज को एक सूत्र में बांधने का काम किया. नेकी का रास्ता चुनने का संदेश दिया. वक्ताओं ने कहा कि आज हमें उनके मार्ग पर चलने की जरूरत है. समाज को एकसूत्र में बांधकर एकता और भाईचारे का संदेश देने की जरूरत है. इसके अलावा उनके बताये हुए अच्छाई की मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. साथ ही देश में अमन और भाईचारा कायम रखने का संदेश भी दिया. इस अवसर पर मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा आयत पढ़ी गई और देश की तरक्की की दुआ मांगी.
अकीदतमंदों ने जुलूस से अमन व भाईचारे का दिया संदेशरामगढ़ के धोबा गांव से डीजे और गाजे-बाजे के साथ निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी रामगढ़ बाजार होते हुए सारमी ईदगाह तक पहुंचा. ईदगाह तक पहुंचने के बाद वक्ताओं ने मुसलमानों नबी के रास्ते पर चलने की अपील की. इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने घरों में जश्न-ए-मिलाद उल नबी तहत फातेहा कराते हुए एक-दूसरे को मुबारकबाद दिया. मोहम्मदी जुलूस का समापन सारमी गांव में हुआ. इस दौरान सबों ने मिलकर अमन और चैन की दुआ मांगी. जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए थाना स्तर से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. जुलूस में रामगढ़ के मोहम्मद अजीम, मोहम्मद सरफुद्दीन, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद सिराजुद्दीन, मोहम्मद असलम, मो अनवर, मो मंसूर, मो सलीम, मो कलीम, मो अफरोज, मो फिरोज, मो खुर्शीद, मो शमशेर, मो गुलशेर, मो राजा, मो साहिल, मो शोएब, मो सैफुल्लाह, मो हमीदुल्लाह, मो अमीरुल्लाह, मो राजू आदि मौजूद थे.जामा में निकला जुलूस, पढ़ी गयी फातेहा
जामा के पहरिडीह, परगाडीह, लोधना, कोहबारा, गेंनुवामारनी, छेलापाथर, भुरंडिया और अगोईया बांध गांवों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिवस पर जुलूस निकाले और मस्जिदों में फातेहा पढ़ी. पहरिडीह में जुलूस के दौरान थाना प्रभारी अजीत कुमार भी मौजूद थे. शिकारीपाड़ा के कोल्हाबाजार से निकला जुलूस गणेशपुर होते हुए शिकारीपाड़ा बाजार का भ्रमण कर वापस कोल्हाबादार लौटा. जुलूस में मौलाना लियाकत, मौलाना सुलेमान, नियामत अंसारी, रिधु अंसारी और सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे. सोनाढाब, असना, बेनागड़िया, चितरागड़िया और पिनरगड़िया गांवों में भी जुलूस निकला.मसलिया में मुर्गी मोड़ रजा कमेटी ने निकाला जुलूस
मसलिया प्रखंड में मुर्गी मोड़ रजा कमेटी की ओर से मो कादिर रजा के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया. सिद्पहाड़ी, सुग्गापहाड़ी और बड़ा डुमरिया गांवों से भी जुलूस निकाले गए. मौलाना अख्तर हुसैन मिस्बाही ने दहेज प्रथा पर रोक और हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखने का संदेश दिया. मौके पर झामुमो जिला उपाध्यक्ष कादिर रज़ा, अनवर अंसारी, अब्दुल करीम, ऐनुल अंसारी, फिरोज अंसारी, रहमत अंसारी, मुस्तकीम अंसारी समेत कई लोग शामिल रहे. इधर रानीश्वर प्रखंड के तसरकाटा, लकड़ाघाटी, पाथरा, एकतला, डूमरा, रांगालिया, आसनबनी और डंगालपाड़ा गांवों से लोग इस्लामिक झंडों के साथ बाइक जुलूस निकालकर पाथरा पहुंचे और मिलाद में शरीक हुए. मौके पर शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी.
नोनीहाट में विशाल जुलूस और सभा
नोनीहाट. इमामबाड़ा से निकला जुलूस राजा बाजार और नोनीहाट बाजार होते हुए बाबा चंदन साह मजार पहुंचा. सभा को इमाम मुहम्मद गुल फराज, फैईशल अंबर, नूर आलम साधुडीह और मोहम्मद रहिद बेलटिकरी ने संबोधित किया. नौजवान कमेटी अध्यक्ष आलम खान और सचिव मुमताज खान के नेतृत्व में जुलूस में मुन्ना खान, हारुण खान, शाहबाज आलम, जावेद खान, मजहर खान, सलीम शेख और नाहिद खान सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए और पुलिस की मौजूदगी में कार्यक्रम शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुआ. मुस्लिम समुदाय ने पैगंबर साहब की शिक्षाओं का पालन और भाईचारे का संदेश फैलाने का संकल्प लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
