जितने खिड़की दरवाजे लगे नहीं, उससे ज्यादा की खरीद
उपायुक्त के निर्देश पर बीडीओ ने जांच की. कर्मी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. रानीश्वर के एमटीसी में 82 दरवाजे व 28 खिड़कियों के परदे खरीदे गये.
रानीश्वर. उपायुक्त के निर्देश पर बुधवार को बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन व रखरखाव योजना अंतर्गत आवंटित 75 लाख रुपये के विरुद्ध किये गये व्यय संबंधी कार्यों की जांच की गयी. जांच के क्रम में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन व रखरखाव योजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन के 75 लाख रुपये के विरुद्ध कुल व्यय सात लाख एकसठ हजार 485 रुपए का व्यय किया गया है तथा कुल छत्तीस लाख चौसठ हजार 414 रुपए व्यय के लिए तैयार है. जब व्यय से संबंधित संचिका आदि की मांग की गयी तो संचिका उपलब्ध नहीं कराया गया. लिपिक मोनिका मुर्मू ने बताया कि अभी तक संचिका तैयार नहीं की गयी है. इस पर बीडीओ द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी. किये गये व्यय से संबंधित अभिश्रव की जांच की गयी. उक्त अभिश्रव में आधार बेस्ड बायोमीट्रिक मशीन आपूर्ति संबंधी अभिश्रव के अवलोकन से स्पष्ट हो रहा है कि जिस एजेंसी को आपूर्ति का निर्देश दिया गया था, उक्त एजेंसी के अभिश्रव में एजेंसी का पूरा पता भी अंकित नहीं है. जांच में यह भी पाया गया कि किये गये व्यय से सामुदायिक केंद्र स्थित एमटीसी केंद्र के लिए कुल 82 दरवाजे का पर्दा और 28 खिड़की का पर्दा का मूल्य लगभग 1,86,000 (एक लाख छियालीस हजार) रुपए व्यय किया गया है. एमटीसी के भौतिक सत्यापन में यह स्पष्ट हो रहा है कि एमटीसी में जितने दरवाजे व खिड़कियां हैं, उससे काफी ज्यादा संख्या में पर्दे खरीदे गये हैं. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. जांच में स्पष्ट हुआ कि विभागीय मार्गदर्शिका के अनुरूप क्रय में विभागीय निर्देश का उल्लंघन किया गया है. इस संबंध में संबंधित लिपिक को संचिका, भंडार पंजी आदि संधारित करने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन व रखरखाव योजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन के विरुद्ध व्यय किये गये सामग्रियों से संबंधित भंडार पंजी की मांग किये जाने पर भंडार पंजी उपलब्ध नहीं करायी गयी. उक्त योजना अंतर्गत क्रय किये जाने संबंधी जारी अल्पकालीन निविदा में भी कई प्रकार की विसंगतियां पायी गयी, जिसके बारे में पूछताछ करने पर संबंधित लिपिक द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. इसके अलावा एमटीसी केंद्र का निरीक्षण करने पर छह बच्चे पाये गये.
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