अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग को लेकर दिल्ली में जनसभा
समाज में राजनीतिक जागरूकता की मांग को लेकर अखिल भारतीय यादव महासभा ने एक विशेष कलश यात्रा निकाली है. इसमें भाग लेने के लिए महासभा के दुमका के भी पदाधिकारी रवाना हुए.
दुमका. अहीर रेजिमेंट, जातिगत जनगणना और समाज में राजनीतिक जागरूकता की मांग को लेकर अखिल भारतीय यादव महासभा ने एक विशेष कलश यात्रा निकाली है. यह कलश यात्रा अहीर धाम लद्दाख से लायी गयी उस पवित्र मिट्टी की है, जहां 1962 के रेजांगला युद्ध में शहीद हुए 114 सैनिकों की समाधि है. यह यात्रा झारखंड, बिहार सहित देश के 19 राज्यों में घूमते हुए 18 नवंबर रेजांगला दिवस को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाली विशाल सभा में समाप्त होगी. 18 नवंबर को जंतर-मंतर, दिल्ली में देशभर से हजारों लोग इकट्ठा होकर अपनी मांगों के समर्थन में आवाज उठाएंगे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रांतीय यादव महासभा के प्रदेश महासचिव और संताल परगना प्रभारी अमरेन्द्र कुमार यादव, जिलाध्यक्ष शिवनारायण दर्वे, कोषाध्यक्ष सौरभ यादव और जिला कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद मंडल दुमका रेलवे स्टेशन से दिल्ली रवाना हुए. मौके पर विष्णु यादव, अशोक यादव, जितेंद्र यादव समेत कई लोग उपस्थित थे. प्रदेश महासचिव अमरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान रेजांगला की लड़ाई में भारतीय सेना की 13 कुमाऊं बटालियन की एक कंपनी ने, जिसमें अधिकतर अहीर सैनिक थे, अद्भुत बहादुरी दिखायी थी. इस लड़ाई में करीब 120 भारतीय सैनिकों ने 5,000 से अधिक चीनी सैनिकों का सामना किया और कई को मार गिराया. इस युद्ध में 114 अहीर सैनिक शहीद हो गए थे. उनकी वीरता को आज भी सम्मान और गर्व के साथ याद किया जाता है.
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