पीएचसी आसनबनी तीन साल से डॉक्टर विहीन, एएनएम के भरोसे चल रहा इलाज
पदस्थापित एकमात्र चिकित्सक पिछले तीन वर्षों से शैक्षणिक अवकाश पर हैं. अस्पताल में दो चिकित्सकों का पद स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में कोई डॉक्टर कार्यरत नहीं है.
रानीश्वर. पीएचसी आसनबनी में पदस्थापित एकमात्र चिकित्सक डॉ जेआर कृष्णन पिछले तीन वर्षों से शैक्षणिक अवकाश पर रहने के कारण अस्पताल डॉक्टर-विहीन हो गया है. अस्पताल में दो चिकित्सकों का पद स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में कोई डॉक्टर कार्यरत नहीं है. डॉ कृष्णन 13 मार्च 2020 से उच्च शिक्षा के लिए अवकाश पर हैं. उनके अवकाश पर जाने के बाद से पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं स्थायी एएनएम गीता रानी, दो अनुबंधित एएनएम, दो जीएनएम और एक लैब टेक्नीशियन के भरोसे चल रही है. इधर, सीएचसी रानीश्वर में भी डॉक्टरों की भारी कमी होने से वहां से डॉक्टरों को आसनबनी पीएचसी भेजना संभव नहीं हो पा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण संजीत रक्षित ने बताया कि पीएचसी में कम से कम एक डॉक्टर की नियुक्ति होनी चाहिए, ताकि प्राथमिक उपचार के लिए लोगों को दूर नहीं जाना पड़े. पहले यहां ऑनलाइन अपोलो अस्पताल के माध्यम से भी इलाज की सुविधा थी, लेकिन वह भी बंद हो चुकी है. ग्रामीण सुरेश प्रसाद साह ने कहा कि ग्रामीण अस्पतालों में डॉक्टरों की नियमित तैनाती बेहद जरूरी है, ताकि गरीबों को गांव में ही स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि पीएचसी का भवन दो-मंजिला और क्वार्टर सहित पूरी तरह विकसित है, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से यह सुविधाएं बेकार पड़ी है. ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी सेवा भी शुरू होनी चाहिए, ताकि रात में भी मरीजों को इलाज मिल सके. आसनबनी से सीएचसी रानीश्वर की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है और वहां भी डॉक्टरों की भारी कमी है. क्या कहते हैं पदाधिकारी : इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नदियानंद मंडल ने बताया कि पीएचसी आसनबनी में पदस्थापित एकमात्र डॉक्टर शैक्षणिक अवकाश पर हैं. सीएचसी रानीश्वर में भी डॉक्टरों की घोर कमी है, जिससे सभी को परेशानी उठानी पड़ रही है.
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