विजिलेंस केस में पंचायत सेवक व अन्य साक्ष्य के अभाव में बरी

पालोजोरी प्रखंड अंतर्गत केचुवासोली पंचायत के पंचायत सेवक शशिभूषण सिंह और कथित बिचौलिया सुखदेव मोहली को दुमका के विजिलेंस कोर्ट के न्यायाधीश प्रकाश झा ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

By BINAY KUMAR | November 7, 2025 11:32 PM

दुमका कोर्ट. भ्रष्टाचार के मामले में पालोजोरी प्रखंड अंतर्गत केचुवासोली पंचायत के पंचायत सेवक शशिभूषण सिंह और कथित बिचौलिया सुखदेव मोहली को दुमका के विजिलेंस कोर्ट के न्यायाधीश प्रकाश झा ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. पालोजोरी के तत्कालीन बीडीओ मनोज कुमार को 17 फरवरी 2021 को शिकायत मिली थी कि सरकार द्वारा गरीबों को मिलने वाले इंदिरा आवास में लाभुकों से अवैध राशि की वसूली की गयी है. इस पर श्री कुमार ने अंचल निरीक्षक दानियल दयाल सोरेन, सहायक अभियंता रामदेव मंडल और प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी शिवमंगल तिवारी के साथ कचुवासोली पंचायत के ग्राम ननकुरास दली पहुंच कर लाभुक रबोनी देवी एवं उसके पति मुंशी मोहली से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि इनसे 5000 रुपये पंचायत सेवक शशिभूषण सिंह और उनके बिचौलिया सुखदेव मोहली द्वारा इंदिरा आवास देने के नाम पर रिश्वत के रूप में लिया गया है. उपरोक्त सभी लाभुकों ने बयान लिखित रूप से भी दिया. जांचोपरांत उपरोक्त बातों की सूचना उपायुक्त देवघर को दूरभाष से दी. इसके पश्चात उपायुक्त ने पंचायत सेवक शशिभूषण सिंह व बिचौलिया सुखदेव मोहली पर प्राथमिकी दर्ज करने एवं आवश्यक विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया. इस केस में अभियोजन पक्ष ने कुल 11 गवाहों की गवाही करायी. वहीं बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह प्रस्तुत किया गया, जिसमें कहा गया कि विभागीय कार्रवाई में शशिभूषण सिंह को दोषमुक्त कर दिया गया है. दूसरी ओर इस केस के सूचक तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी से न्यायालय ने पूछा कि विभिन्न ग्रामीणों का आवेदन कहां है, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, तो वे उसपर उनका कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाये. इस केस में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक धनंजय दास थे, वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता कुमार प्रभात ने केस की पैरवी की.

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