हमारी सरकार हेडक्वार्टर से नहीं, गांव से चलती है : सीएम

190.647 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन व 123.48 करोड़ की योजनाओं की रखी आधारशिला

By RAKESH KUMAR | November 24, 2025 10:44 PM

फ्लाइंग इंस्टीट्यूट ने राज्य के युवाओं के सपनों को साकार करेगी झारखंड को विमानन प्रशिक्षण के क्षेत्र में दिलायेगी विशेष पहचान दुमका. सिदो–कान्हू एयरपोर्ट दुमका में ””””झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट”””” के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विभिन्न विभागों की 190.647 करोड़ रुपये की 12 योजनाओं का उद्घाटन एवं 123.48 करोड़ रुपये की 14 योजनाओं की आधारशिला रखी. कई लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया. वितरित परिसंपत्तियों में दिव्यांगों के लिए मोटर ट्राइसाइकिल, मोटरसाइकिल, मिनी मेडिकल यूनिट, बस और वित्तीय सहायता आदि शामिल हैं. इस अवसर पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर झारखंड विकास के नये दौर में प्रवेश कर रहा है. संताल परगना से खींची गयी विकास की लकीर अब हर जगह फैलेगी. यह सिर्फ भौगोलिक विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम है. आनेवाले समय में यह फ्लाइंग इंस्टीट्यूट राज्य के युवाओं के सपनों को साकार करने के साथ-साथ झारखंड को विमानन प्रशिक्षण के क्षेत्र में देशभर में विशिष्ट पहचान दिलायेगी. कहा कि हमारी सरकार हेडक्वार्टर से नहीं बल्कि गांवों से चलने वाली सरकार है. इस दिशा में “सेवा का अधिकार ” कार्यक्रम एक अहम पहल बनकर उभरा है, जिसके तहत अधिकारी अब पंचायत स्तर पर जाकर सीधे ग्रामीण जनता की समस्याओं को सुनकर समाधान कर रहे हैं. कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रखंडों और पंचायतों में शिविर लगाकर सरकारी सेवाओं और योजनाओं के लाभ सीधे जनता तक पहुंचाए जा रहे हैं. इस अवसर पर सांसद नलिन सोरेन, विधायक बसंत सोरेन, प्रदीप यादव, डॉ लुईस मरांडी एवं आलोक सोरेन, जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव प्रशांत कुमार, झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट के निदेशक कैप्टन एसपी सिन्हा, इंस्टीट्यूट के ट्रेनी उपस्थित थे. 15 पायलटों का प्रशिक्षण खर्च राज्य सरकार देगी मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फ्लाइंग इंस्टीट्यूट के माध्यम से पहले चरण में 30 पायलटों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इनमें से 15 पायलटों के प्रशिक्षण का पूरा खर्च राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी. इससे झारखंड के युवाओं को न केवल उच्चस्तरीय विमानन प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए हवाई जहाज से हजारों प्रवासी श्रमिकों को उनके घर सुरक्षित वापस लाया था. आज, उन्हीं श्रमिक परिवारों के बेटों और बेटियों में से पायलट और विमान इंजीनियर तैयार करने की दिशा में ठोस कदम उठाया जा रहा है. यह बदलाव की वह कहानी है, जो झारखंड की नयी उड़ान का संकेत दे रही है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण से जुड़ी हर बारीकी को गहराई से समझा. उन्होंने स्वयं प्रशिक्षुओं और कैप्टन के साथ मिलकर विमानन प्रशिक्षण की तकनीकों, उपकरणों और ट्रेनिंग की हर पहलू का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान विमानन सुरक्षा, पायलटों को दी जाने वाली कड़ी थ्योरी कक्षाओं, सिम्युलेटर ट्रेनिंग, फ्लाइट ऑपरेशंस और आपात स्थिति प्रबंधन की विधियों को भी देखा. हमारी सरकार जो कहती है, करके दिखाती है मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जो कहती है, करके दिखाती है. राज्य की आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में विशेष कदम उठाए हैं. अब शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना से गुणवत्ता शिक्षा पहुंचने लगी है, जिससे युवाओं का सर्वांगीण विकास संभव हो रहा है. विशेष रूप से, “मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना ” राज्य सरकार की महत्वपूर्ण पहल है, जो उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को विदेश भेजकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने का काम करती है. योजना के तहत हर वर्ष 25 छात्र-छात्राओं को चयनित कर उनकी विदेश में पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाती है. इसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र शामिल होते हैं.

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