जल की गुणवत्ता की निगरानी व अनुश्रवण पर प्रशिक्षण का आयोजन
प्रशिक्षण के उपरांत जल सहियाएं गांव के सभी जल स्रोतों का एफटीके किट के माध्यम से जांच करेंगी और अपने गांव अंतर्गत 5-5 सक्रिय महिला को भी जल जांच करने के लिए सिखाएंंगी.
जामा. प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार में गुरुवार को पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल संख्या-02 द्वारा जलसहियाओं को एफटीके किट दिया गया. साथ ही उक्त किट के माध्यम से जल जांच, जल गुणवत्ता की निगरानी एवं अनुश्रवण को लेकर प्रशिक्षण प्रदान किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यपालक अभियंता रमेश कुमार लोहरा एवं बीडीओ डॉ विवेक किशोर द्वारा संयुक्त रूप से की गयी. जल गुणवत्ता विषय पर कार्यपालक अभियंता ने बताया कि प्रशिक्षण ग्रहण करने के उपरांत सभी जलसहियाएं अपने-अपने गांव के सभी जल स्रोतों का एफटीके किट के माध्यम से जांच करेंगी और अपने गांव अंतर्गत 5-5 सक्रिय महिला को भी जल जांच करने के लिए सिखाएंंगी. जल जांच करने के उपरांत सभी जल सहिया अपने-अपने गांव का जल जांच प्रतिवेदन डब्ल्यूक्यूएमआईएस के पोर्टल पर अपलोड भी करेंगी. कहा कि शुद्ध जल मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है. यदि कोई जल प्रदूषित हो जाता है तो पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है. इसलिए सभी अपने-अपने गांव में जितने भी पेयजल स्रोत हैं, उसका जल जांच परीक्षण आवश्यक रूप से करें और अपने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जल गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए जागरूक करें. बिना जल जांच किये पेयजल के रूप में उपयोग ना करें. प्रशिक्षण जिला स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला की क्वालिटी मैनेजर किरण कुमारी द्वारा दी गयी तथा शुद्धता के सभी पैरामीटर यथा- पीएच टरबीडीटी, कुल कठोरता, क्लोराइड, क्षारीयता, लौह तत्व, नाइट्रेट, क्लोराइड, फाॅस्फेट, अमोनिया सल्फेट आदि का प्रदर्शन कर बताया गया. प्रशिक्षण में सभी जलसहिया, प्रखंड समन्वयक, कनीय अभियंता उपस्थित थे.
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