दुमका में झारखंड उच्च न्यायालय की सर्किट बेंच की स्थापना के लिए सौंपा ज्ञापन
उपराजधानी के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास, जिसमें झारखंड उच्च न्यायालय की स्थायी पीठ की स्थापना भी सम्मिलित है, जो अब तक पूर्ण नहीं हो सका है.
दुमका कोर्ट. जिला बार एसोसिएशन दुमका के सदस्यों ने मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपकर दुमका में उच्च न्यायालय का सर्किट बेंच स्थापित करने की मांग की. अधिवक्ताओं ने बताया कि संताल परगना प्रमंडल राज्य की राजधानी रांची से अत्यंत दूर स्थित है और यहां के निवासी आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर हैं. लंबी दूरी तय कर महंगे मुकदमों की पैरवी करना उनके लिए अत्यधिक कठिन है, विशेषकर तब जब कुछ जिलों में आज भी रेल संपर्क उपलब्ध नहीं है. वर्ष 2000 में बिहार पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत झारखंड राज्य के गठन के पश्चात दुमका को राज्य को उपराजधानी घोषित की गयी थी. उपराजधानी के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास, जिसमें झारखंड उच्च न्यायालय की स्थायी पीठ की स्थापना भी सम्मिलित है, जो अब तक पूर्ण नहीं हो सका है. अधिवक्ताओं ने बताया कि इस दिशा में कुछ कदम उठाए गए थे, किंतु इस प्रक्रिया को मुकाम तक नहीं पहुंचाया जा सका है. संताल परगना प्रमंडल के छह जिलों से संबंधित दीवानी एवं फौजदारी मामलों, जिनमें सत्र वाद, अपील, टाइटल अपील, दावा वाद, राजस्व वाद, दीवानी वाद एवं पुनरीक्षण याचिकाएं आदि बड़ी संख्या में उच्च न्यायालय रांची में लंबित हैं, जिससे गरीब वादकारियों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वादकारियों एवं अधिवक्ताओं की कठिनाइयों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए अधिवक्ताओं ने दुमका में झारखंड उच्च न्यायालय की एक सर्किट बेंच की स्थापना यथाशीघ्र कराने का अनुरोध किया, ताकि संताल परगना क्षेत्र के लोगों को सुलभ, सस्ता एवं प्रभावी न्याय प्राप्त हो सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
