संदेहास्पद कुष्ठ रोगियों की पहचान कर सीएचसी लेकर आयें: डॉ अंजू
सीएचसी में स्वास्थ्य सहियाओं एवं मेल वोलंटियर का प्रशिक्षण सत्र आयोजित हुआ. कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए 456 टीम एवं 85 पर्यवेक्षक बनाए गए हैं.
बासुकिनाथ. राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जरमुंडी में स्वास्थ्य सहियाओं एवं मेल वोलंटियर का प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया. सहिया व मेल वोलंटियर घर-घर जाकर संदेहास्पद रोगियों की जांच कर उपचार के लिए सीएचसी भेजेंगे. आगामी 10 से 26 नवम्बर के बीच लेप्रोसी केस डिटेक्शन कैंपेन का आयोजन किया जायेगा. इसके निमित्त गुरुवार को प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ. इसका संचालन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंजू कुमारी, बीटीटी पुतुल दत्ता, संजीव कुमार, सीनियर टेक्निकल सुपरवाइजर आनन्द हांसदा, न्यूट्रिशन काउंसलर मोहनलाल सोरेन, ब्लॉक लेप्रोसी नोडल आनन्द कुमार झा द्वारा किया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंजू द्वारा कहा गया कि अपने-अपने क्षेत्र में सभी सहिया एवं मेल वोलंटियर संदेहास्पद कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उन्हें सीएचसी लेकर आयेंगे. डॉक्टर द्वारा संदेहास्पद रोगियों के जांचोपरांत कुष्ठ बीमारी रहने पर एमडीटी की दवा शुरू की जाएगी. बताया कि इलाज अवधि तक प्रत्येक रोगी को प्रति माह 500 रुपए दिए जाएंगे. सीएचसी जरमुंडी में संदेहास्पद कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए 456 टीम एवं 85 पर्यवेक्षक बनाए गए हैं. प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता एवं प्रखंड प्रमुख की उपस्थिति में पिछले बैठक में ब्लॉक लेवल टास्क फोर्स की बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए थे. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा सभी संबंधित कर्मियों से कुष्ठ रोगी खोज अभियान को सफल बनाने हेतु माइक्रोप्लान के मुताबिक कार्य करने का निर्देश दिया गया. प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंजू कुमारी ने बताया कि चमड़े में रंग फीका एवं लालिमा युक्त दाग, दाग में सूनापन, कान, चेहरा, धड़, हाथ अथवा पैर के स्किन का मोटापन, हाथ या पैर में कमजोरी अथवा विकृति, हथेली अथवा तलवे में घाव, आंखों के पलकों में कमजोरी आदि कुष्ठ बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं. पाये जाने पर अविलंब नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से सम्पर्क करने की बात कही.
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