भगवान प्रेम के भूखे होते हैं : गोपाल कृष्ण महाराज
दुमका के श्रीश्री गौशाला परिसर में मोदी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन शुक्रवार को महारास, फूलों की होली तथा रुक्मणी का विवाह रचाया गया.
दुमका नगर. दुमका के श्रीश्री गौशाला परिसर में मोदी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन शुक्रवार को महारास, फूलों की होली तथा रुक्मणी का विवाह रचाया गया. इस अवसर पर भाव-विभोर होकर भक्तों ने नृत्य किए. वृंदावन से आए गोपाल कृष्ण महाराज ने प्रवचन देते हुए भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि सांदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उद्धव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना. कथावाचक द्वारा द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया. कथा के दौरान कथावाचक ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा और परमात्मा का मिलन हुआ. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भगवान हमेशा प्रेम के भूखे होते है. गोपाल कृष्ण महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि रुक्मणी साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर नहीं रह सकती. यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक, नहीं तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है. गोपाल कृष्ण महाराज ने भगवान की अन्य शादियों का भी उल्लेख किया तथा बताया कि इस तरह उन्होंने अपने पूर्व के अवतारों के भक्तों की अपूर्ण इच्छाओं की पूर्ति की. शनिवार की कथा में सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, श्री सुकदेव विदाई के कथा के साथ हवन का आयोजन की जाएगी. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
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