अब दुमका आने के लिए लोग दूसरे-दूसरे रास्ते का उपयोग करने को मजबूर
दुमका के लोग देवघर जाने के लिए पालाजोरी-सारठ का रास्ता चुनते हैं. दुमका-देवघर की दूरी लगभग 67 किमी है. इन दिनों देवघर से बासुकिनाथ तक सड़क को फोर लेन में कन्वर्ट किया जा रहा है. जगह-जगह डायवर्सन और जाम से लोगों को काफी परेशानी होती है.
दुमका-बासुकिनाथ व महारो-हंसडीहा मार्ग बदहाल आनंद जायसवाल, दुमका कुछ साल पहले जिस दुमका जिले की चर्चा जिन अच्छी सड़कों से होती थी, आज उन सड़कों पर आवाजाही करने से लोग परहेज कर रहे हैं. इसकी दो वजहें हैं. पहली या तो सड़क बिल्कुल बदहाल हो गयी है. दूसरी भारी वाहनों का परिचालन इस कदर बढ़ गया है कि उसमें छोटे वाहनों का परिचालन बेहद जोखिम भरा साबित होने लगी है. इन दिनों दुमका के लोग देवघर जाने के लिए पालाजोरी-सारठ का रास्ता चुनते हैं. दुमका-देवघर की दूरी लगभग 67 किमी है. इन दिनों देवघर से बासुकिनाथ तक सड़क को फोर लेन में कन्वर्ट किया जा रहा है. जगह-जगह डायवर्सन और जाम से लोगों को काफी परेशानी होती है. इसी वजह से छोटी गाड़ी लेकर देवघर-दुमका के लोग एक-दूसरे शहर में आवाजाही के लिए पालाजोरी-सारठ मार्ग को चुनना ही पसंद करते हैं. इस रास्ते से सफर करने में भले ही पंद्रह-अठारह किमी ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती हो, लेकिन फजीहत से बचने के लिए लोग इसी वैकल्पिक मार्ग को चुनना पसंद क रहे हैं. इन दिनों दुमका-बासुकिनाथ मार्ग पर भी जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं. इसके लिए निविदा आमंत्रित भी हुई थी, पर एनएच-114 ए के इस पथांश की मरम्मत पर एनएचएआइ कोई निर्णय नहीं ले सका. इसकी वजह यह भी है कि इस पथांश को भी फोर लेन में कन्वर्ट होना है. इसके लिए भू-अर्जन भी करने की प्रक्रिया शुरू करायी जा चुकी है. बहरहाल, लोगों की मांग है कि फोर लेन में कन्वर्ट करने से पहले इस रूट में गड्ढों को कम से कम भरकर मोटरेबुल तो करा लिया जाता, ताकि आवाजाही में दिक्कत न हो. उधर, दुमका-भागलपुर मार्ग की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है. यह सड़क जब बन रही थी, तब ही इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे. दुमका से भागलपुर जानेवाली एक लेन पर सड़क इस कदर धंसी हुई है कि छोटी गाड़ियों के लिए इसमें सुरक्षित चलना तक मुश्किल है. सड़क आठ से दस इंच तक धंसी हुई है. वहीं स्पीड ब्रेकर के पास तो स्थिति हर जगह भयावह ही है. बात की जाये दुमका-पाकुड़ मार्ग पर तो इस रोड पर कोयला वाहनों का परिचालन खूब हो रहा. हादसे भी हो रहे. सड़क की स्थिति खराब थी. प्रभात खबर में रिपोर्ट छपी तो प्रशासनिक संज्ञान के बाद संबंधित कंपनी-विभाग गंभीर हुए. पर आज भी दुमका से काठीकुंड या काठीकुंड से दुमका आने के लिए दोपहिया वाहन चालक वैकल्पिक मार्ग गिधनी-घासीपुर-झिलीमिली-शहरजोरी-चांदनी चौक होकर आते-जाते हैं. क्या कहते हैं अधिकारी दुमका-बासुकिनाथ रोड को फोर लेन में कन्वर्ट होना है. इसके लिए 168 करोड़ रुपये का टेंडर पहले ही निकला हुआ है. इस पथांश में सड़क को तत्काल वाहनों के सुगम परिचालन योग्य बनाने व मरम्मत के लिए भी टेंडर निकला हुआ है. 15 दिनों के अंदर निर्णय हो जायेगा. वहीं दुमका में डीसी चौक से रामपुरहाट रोड में बिटुमिन लेयर बिछाने का काम जल्द ही शुरू करा दिया जायेगा. आरपी मांझी, कार्यपालक अभियंता, एनएच
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