संतालकाटा पोखर की मरम्मत व सौंदर्यीकरण की उठी मांग

पोखर 1855 के संताल हूल का ऐतिहासिक गवाह है. हूल के क्रांतिकारियों ने कोलकाता जाने के रास्ते में वर्तमान जिला के मयूराक्षी नदी के आमजोड़ा घाट के दक्षिण भाग के दिगूली गांव में अंग्रेज सैनिकों ने संताल क्रांतिकारियों का नरसंहार किया था.

By ANAND JASWAL | August 19, 2025 9:05 PM

संताल हूल अखाड़ा के सदस्यों ने रानीश्वर बीडीओ को सौंपा आवेदन प्रतिनिधि, दुमका दुमका के सामाजिक संगठन संताल हूल अखाड़ा ने रानीश्वर प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर संताल हूल के ऐतिहासिक स्थल संताल काटा पोखर की मरम्मत को लेकर आवेदन दिया. पोखर 1855 के संताल हूल का ऐतिहासिक गवाह है. हूल के क्रांतिकारियों ने कोलकाता जाने के रास्ते में वर्तमान जिला के मयूराक्षी नदी के आमजोड़ा घाट के दक्षिण भाग के दिगूली गांव में अंग्रेज सैनिकों ने संताल क्रांतिकारियों का नरसंहार किया था. क्षत -विक्षत शव को इसी तालाब में डूबो दिया था. संघ के प्रखंड विकास पदाधिकारी से गुमनाम शहीदों के नाम शहीद स्तंभ का निर्माण, पोखरा के चारों ओर अधूरी चहारदीवारी को पूरा करने, स्वतंत्रता सेनानी सिदो-कान्हू, चांद मुर्मू, भैरव मुर्मू, फूलो मुर्मू, झानो मुर्मू की प्रतिमा संताल आदिवासी के विधि विधान के अनुसार लगाने, शहीद गांव भोगनाडीह में आयोजित संथाल हूल दिवस की तर्ज पर संताल काटा पोखर में 22 दिसंबर संताल परगना स्थापना दिवस पर सरकारी कार्यक्रम आयोजित करने, संताल काटा पोखर का सौंदर्यीकरण कराने, 22 दिसंबर को संताल परगना स्थापना दिवस के पावन अवसर पर राजकीय अवकाश घोषित करने, संताल काटा पोखर में संताली रीति रिवाज के अनुसार घाट निर्माण कराने और अविलंब पथ निर्माण विभाग की ओर से लगाये गये ऐतिहासिक का सूचना बोर्ड और तालाब के मेड़ पर लगाये गये लोहे की रेलिंग की मरम्मत कराने की मांग की गयी. मौके पर अखाड़ा के अध्यक्ष सुनील मुर्मू, सचिव सिमल हांसदा, सक्रिय सदस्य राजकिशोर मरांडी, महादेव हेंब्रम, सुपलाल मरांडी, दीपू मरांडी, फिल्म मुर्मू , बुदि किस्कू आदि उपस्थित थे.

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