बंद पड़ा लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय

सरकारी राशि का दुरुपयोग नहीं तो क्या? शौचालय बना दिया गया, पानी की कोई व्यवस्था नहीं की. गंदगी के ढेर से शौचालय खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

By BINAY KUMAR | December 3, 2025 11:25 PM

दलाही. मसलिया प्रखंड में कई जगह पर सामुदायिक शाैचालय बंद पड़ा है. बड़ा चापुड़िया आश्रम मोड़, जहां पर रोज बाजार करने तथा राहगीरों के लिए सार्वजनिक शौचालय की आवश्यकता पड़ती है, वहां वर्ष 2017-18 में आश्रम मोड़ में तीन लाख पचास हज़ार रुपये की लागत से जिला परिषद दुमका द्वारा बनवाया गया शौचालय अब तक चालू नहीं हो पाया है. सामुदायिक शौचालय अभी तक ग्रामीणों के लिए महज एक शो-पीस बनकर रह गया है. शौचालय के चालू न रहने से स्वच्छता के तमाम दावों का जहां माखौल उड़ रहा है, वहीं लोग इधर-उधर गंदगी फैला रहे हैं. खुले में शौच करने को मजबूर हैं. चारों ओर उग आए खर-पतवार और गंदगी के ढेर से शौचालय खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. सड़क के किनारे झाड़ियों से ढका यह शौचालय फिलवक्त आम लोगाें की नजर से परे है. शौचालय में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. यही वजह है कि शौचालय हमेशा बंद रहता है. आश्रम मोड़ के लोगों की माने तो ग्रामीण कई बार ब्लॉक अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. यह स्थिति केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. यही हाल मसलिया प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित दो सामुदायिक शौचालय की भी है, जिसका हाल बदहाल ही है. गोलबाजार गांव में सामुदायिक शौचालय बने वर्षों हो गये, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो रहा.

ग्रामीणों में रोष :

ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गहरा रोष है. उनका कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होना चाहिए और लापरवाह अधिकारियों पर सरकारी पैसे के दुरुपयोग पर कार्रवाई भी सुनिश्चित होनी चाहिए. मामले में मसलिया के बीडीओ अज़फ़र हसनैन ने कहा कि सामुदायिक शौचालय का उपयोग होना चाहिए. किस मद से निर्माण हुआ है वे पता करेंगे. प्रत्येक गांव में ग्राम स्वच्छता समिति का गठन किया गया है. समिति से जानकारी लेने के बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं मामले में मसानजोर पंचायत के मुखिया बीरेन्द्र किस्कू ने कहा कि योजना उनके मुखिया बनने से पहले की ही है. आम जनता परेशान रहती है. इसलिए इसे जल्द चालू कराया जाना चाहिए.

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