पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिलाने के लिए आयोग प्रतिबद्ध : चेयरमैन

झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जानकी प्रसाद यादव रविवार को दुमका पहुंचे. यहां उनको पुष्पगुच्छ देकर और शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया.

By ANAND JASWAL | August 24, 2025 7:59 PM

आयोग के अध्यक्ष पहुंचे दुमका, ओबीसी मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन संवाददाता, दुमका झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जानकी प्रसाद यादव रविवार को दुमका पहुंचे. यहां उनको पुष्पगुच्छ देकर और शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया. पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना के केंद्रीय अध्यक्ष असीम कुमार मंडल के अगुआई में मोर्चा से पिछड़े वर्ग की मांग से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा गया. केंद्रीय प्रधान महासचिव अमरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि ज्ञापन में जातिगत जनगणना कराकर अविलंब पिछड़े वर्गों को आबादी के अनुरूप आरक्षण देने पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के आलोक में तत्काल दुमका और झारखंड में पिछड़ा वर्ग को 36 प्रतिशत आरक्षण देने, पंचायत को इकाई मानकर अनुसूचित क्षेत्र का निर्धारण करते हुए सभी एकल पदों का आरक्षण सुनिश्चित करने, प्रत्येक पंचायत में हाइस्कूल और प्रखंड में डिग्री कॉलेज का निर्माण करने, मोर्चा ने आउटसोर्सिंग बहाली में पिछड़ों को आरक्षण का लाभ सुनिश्चित करने समेत कई अन्य मांग शामिल हैं. मोर्चा के पदाधिकारी ने ट्रिपल टेस्ट के नाम पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा खाना पूर्ति करने का आरोप लगाया. आयोग के अध्यक्ष जानकी प्रसाद यादव ने कहा कि झारखंड सरकार ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, उसे निभाने के लिए वह पिछड़ा वर्ग की समस्याओं से अवगत होने के लिए प्रत्येक जिलों का दौरा कर रहे हैं. वह रविवार को तारापीठ से पूजा करके लौटे थे. कहा कि बहुत जल्द आयोग की पूरी टीम के साथ दुमका जिला में आकर यहां की वस्तु स्थिति को जानने समझने और चिंतन मनन करने का उनका कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि जब वे विधायक थे उसी समय से पिछडों के हक और अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते आए हैं. झारखंड राज्य में ओबीसी की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक रूप से जिस जगह पर रहना चाहिए थी वहां नहीं पहुंच पाया है उसे मुकाम तक पहुंचाना है. प्राइवेट कंपनी द्वारा विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से जो नियुक्तियां हुई है, उसमें पिछड़ा वर्ग की क्या स्थिति है उसकी भी समीक्षा की जाएगी. हाई कोर्ट के निर्देश पर ट्रिपल टेस्ट का कार्य पूरा हो चुका है. जिसमें पिछड़ों को आरक्षण दिया जाना है. इस वर्ष नवंबर दिसंबर तक चुनाव आयोग निकाय चुनाव करा सकता है. पिछड़ों के सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक स्तर को मजबूत कर उसे सामाजिक न्याय दिलाना आयोग का मुख्य मिशन है. पिछड़ों को 27 परसेंट आरक्षण देने के लिए सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है. सरकार ने दो बार सदन के पटल पर आरक्षण का बिल पास किया. पर उसे राज्यपाल के स्तर से स्वीकृति नहीं मिल पायी. मोर्चा से जो मांग-पत्र सौंपा गया है. वह मांग नहीं उनका अधिकार है, जिस पर आयोग गंभीर है. मौके पर संरक्षक दिवाकर महतो, महासचिव रंजीत जायसवाल व दयामय माजी, जयकांत जायसवाल, सुबोध यादव, विष्णु यादव, संजय यादव आदि मौजूद थे.

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