भागवत कथा के श्रवण से मन के विकार दूर होते हैं : मदनमोहन
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के पांचवें दिन गुरुवार को कथा स्थल पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी.
प्रतिनिधि, बासुकिनाथ श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के पांचवें दिन गुरुवार को कथा स्थल पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. श्रीधाम वृंदावन से पधारे आचार्य मदनमोहन शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मनोहर वर्णन कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. कथा श्रवण के दौरान श्रद्धालु झूमते नजर आए. आचार्य शास्त्री ने कहा कि सच्चा सुख केवल भगवान के चरणों में ही है. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान की शरण में जाना ही भागवत कथा का उद्देश्य है. जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब प्रभु अवतार लेकर धर्म की पुनः स्थापना करते हैं. उन्होंने कहा कि भागवत कथा अमृत है, इसके श्रवण से मनुष्य अमर हो जाता है और जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होता है. कथा के दौरान पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण ने बाल अवस्था में ही पूतना का वध कर उसका कल्याण किया. कथा में बतौर यजमान रामानंद झा एवं उनकी पत्नी रूबी झा शामिल हुए. आयोजन की सफलता में बालानंद झा, मोनू, बबलू झा, रजत, सौरभ सहित भागवत समिति के अनेक सदस्य सक्रिय दिखे.
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