ग्राम प्रधान लेखा होड़ संघ ने मनाया दूसरा स्थापना दिवस
स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि जिला अध्यक्ष लालमोहन राय ने कहा कि संघ का उद्देश्य गांवों में पारंपरिक व्यवस्था को प्रभावी और मजबूत बनाना है. संघ चाहता है कि राज्य सरकार ग्राम प्रधानों और मूल रैयतों को उनके पारंपरिक अधिकार वापस दे और सम्मान प्रदान करें.
गांवों में पारंपरिक व्यवस्था को प्रभावी और मजबूत बनाना है : जिलाध्यक्ष प्रतिनिधि, बासुकिनाथ ग्राम प्रधान मूल रैयत लेखा होड़ संघ के दूसरे स्थापना दिवस जरमुंडी बजरंगबली मोड़ में आयोजित हुई. अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष गौरीशंकर पांडेय ने की. स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि जिला अध्यक्ष लालमोहन राय ने कहा कि संघ का उद्देश्य गांवों में पारंपरिक व्यवस्था को प्रभावी और मजबूत बनाना है. संघ चाहता है कि राज्य सरकार ग्राम प्रधानों और मूल रैयतों को उनके पारंपरिक अधिकार वापस दे और सम्मान प्रदान करें. कार्यक्रम में मुख्य रूप से ग्राम सभा, लगान वसूली, अतिक्रमण एवं प्रधानी जोत जमीन में प्रधान का नाम दर्ज करने, प्रधान द्वारा दायर वाद की सरकारी वाद करने व संगठन को सशक्त करने पर प्रकाश डाला गया. बैठक में पंचायत व प्रखंड स्तर पर व्याप्त अराजकता के खिलाफ संघर्ष करने का निर्णय लिया गया. संघ ने ग्राम प्रधानों को राजस्व वसूली, जिसमें बालू घाट राजस्व भी शामिल है. का अधिकार देने की मांग की है. अतिक्रमण के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हैं, तो मामले का निबटारा सरकारी खर्च पर करने की मांग की गयी है. बकाया राशि के भुगतान को लेकर भी अपनी आवाज उठायी. सभा का संचालन प्रखंड सचिव मधुसूदन झा ने किया. कृष्ण कमल मंडल, डोमन राय, दिलीप मरांडी ने बताया कि 12 सितंबर 1952 को आजाद भारत में बिहार सरकार के अवर सचिव राजस्व विभाग ने भागलपुर प्रमंडल के आयुक्त को पत्र लिखकर प्रधानी व्यवस्था लागू की थी. मौके पर सत्यनारायण यादव, प्रह्लाद मंडल, नीलम देवी, जयंती देवी, झकसू राय, रामू माल, गोपीचंद राय, हरिनंदन मंडल, ललिता देवी, भक्ति देवी, लोचन यादव, रामजतन भंडारी, शिवशंकर माल, विरजू मंडल, अरुणा देवी, सोनामुनी मुर्मू आदि मौजूद थे.
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