48 हजार भक्तों ने किया फौजदारीनाथ काे जलार्पण
भादो शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज पर बासुकिनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. मंगलवार को मंदिर प्रबंधन के अनुसार लगभग 48 हजार भक्तों ने जलार्पण कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की.
हरतालिका तीज. शुक्ल पक्ष की तृतीया को बासुकिनाथ मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
प्रतिनिधि, बासुकिनाथभादो शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज पर बासुकिनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. मंगलवार को मंदिर प्रबंधन के अनुसार लगभग 48 हजार भक्तों ने जलार्पण कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. इस अवसर पर सुल्तानगंज उतरवाहिनी गंगा से जल लाकर हजारों महिला-पुरुष श्रद्धालु बासुकिनाथ मंदिर पहुंचे. गाजे-बाजे के साथ भक्तों ने जलार्पण और पूजा अर्चना की. पुलिस व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को कतारबद्ध होकर गर्भगृह में प्रवेश कराया गया. सुगमता से पूजा करवाने की व्यवस्था की गयी. मंदिर के पंडित सुधाकर झा ने बताया कि हरतालिका तीज का यह व्रत माता पार्वती को पति के रूप में भगवान शिव प्राप्त होने की स्मृति में किया जाता है. इस दिन बेलपत्र, अक्षत, चंदन, सफेद फूल, भांग, धतूरा आदि अर्पित कर विधिपूर्वक पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से विवाह में आ रही रुकावट दूर होती है. वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है.
संकल्प शक्ति का प्रतीक है तीज व्रत
हरतालिका तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. यह व्रत संकल्प शक्ति का प्रतीक और अखंड सौभाग्य की कामना का पावन अवसर माना जाता है. कुमारी एवं सुहागिन महिलाएं गौरी-शंकर की विधिपूर्वक पूजा कर पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. मंदिर प्रभारी कुंदन भगत और पुलिस निरीक्षक श्यामानंद मंडल ने कंट्रोल रूम के माध्यम से मंदिर गतिविधियों पर नजर रखी. श्रद्धालुओं के सुगम जलार्पण और पूजा अर्चना के लिए प्रशासन की विशेष व्यवस्था की गयी थी. इस धार्मिक अवसर पर भक्तों की भक्ति और उल्लास का माहौल देखते ही बन रहा था.
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