45 हजार श्रद्धालुओं ने किया फौजदारीनाथ को जलार्पण
पंडित सुधाकर झा ने बताया कि जो भी सच्चे मन और विश्वास के साथ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
अढ़ैया मेला. बासुकिनाथ मंदिर व मेला में भक्तों की भीड़ उमड़ी, लगे जयकारे प्रतिनिधि, बासुकिनाथ अढ़ैया मेला, आश्विन कृष्ण पक्ष पंचमी के बाद षष्ठी तिथि को शुक्रवार को बाबा फौजदारीनाथ दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. सुबह से ही जलार्पण का सिलसिला शुरू हुआ और शाम तक चलता रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 45 हजार शिवभक्तों ने भोलेनाथ पर जलार्पण किया. श्रद्धालु खेती-बाड़ी का काम पूरा करने के बाद भोलेनाथ से बेहतर फसल की मन्नत लेकर यहां पहुंच रहे हैं. मेला परिसर में दूर-दूर से आये भक्त रंग-बिरंगे कांवर लेकर ढोल-नगाड़ों के साथ पहुंच रहे थे, जिससे बाबा फौजदारीनाथ का पूरा मंदिर क्षेत्र भक्तों से भर गया. भक्तों ने बाबा फौजदारीनाथ की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंडितों द्वारा षोडशोपचार विधि से पूजा अर्चना की गई. भक्तों ने स्पर्श पूजा कर भगवान भोलेनाथ से सुख-समृद्धि की कामना की. सुबह चार बजे से ही मंदिर प्रांगण में भक्तों का तांता लगा रहा. सुल्तानंगज उतरवाहिनी गंगा से पैदज कांवर लेकर मिथिलांचल के श्रद्धालु फौजदारी दरबार भक्ति में लीन होकर नाचते-गाते पहुंचे. सरकारी पूजा के बाद मंदिर के गर्भगृह का गेट भक्तों के लिए खोल दिया गया. श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाकर बाबा फौजदारीनाथ की पूजा-अर्चना की. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि जो भी सच्चे मन और विश्वास के साथ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. संपूर्ण मंदिर परिसर “हर-हर महादेव” के नारे से गूंज रहा था. बिहार, बंगाल और झारखंड के विभिन्न जिलों से पहुंचे भक्तों की भीड़ यहां देखी गई. गर्भगृह गेट पर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात रहे. भक्तों की कतार संस्कार भवन से बाहर निकलकर क्यू कॉम्प्लेक्स तक लगी हुई थी. संस्कार भवन गेट से भक्तों को मंदिर में प्रवेश कराया गया. कतारबद्ध होकर भक्तों ने भोलेनाथ पर जल और पुष्प अर्पित किया. वहीं, भक्तों ने मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का टोकन लेकर शीघ्र दर्शन किया.
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