दुनिया की 33 प्रतिशत मिट्टी हो चुकी है खराब
विश्व मृदा दिवस पर एसपी कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. धरती की सेहत बचाने हेतु वैश्विक संकल्प को बेहद जरूरी बताया गया है.
दुमका. विश्व मृदा दिवस पर एसपी कॉलेज दुमका में शुक्रवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का नेतृत्व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ केपी यादव ने किया. यह आयोजन आईक्यूएसी और रसायन शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हुआ. कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को मृदा संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण संतुलन को लेकर जागरूक करना था. कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण के साथ हुई, जहां प्राचार्य डॉ यादव ने कहा कि मिट्टी जीवन का आधार है. उन्होंने कहा कि असंतुलित कृषि पद्धतियों, रासायनिक प्रदूषण और मृदा कटाव के कारण मिट्टी तेजी से क्षतिग्रस्त हो रही है. उन्होंने युवाओं को मिट्टी के संरक्षण और वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए गंभीरता से आगे आने की अपील की. आईक्यूएसी समन्वयक डॉ पूनम बिंझा ने कहा कि विश्व मृदा दिवस सिर्फ एक तिथि नहीं बल्कि धरती की सेहत बचाने का एक वैश्विक संकल्प है. उन्होंने बताया कि एफएओ के अनुसार दुनिया की 33 प्रतिशत मिट्टी पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुकी है. यदि अब भी हम सजग नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ियों के लिए खाद्य संकट, जल प्रदूषण और पारिस्थितिक असंतुलन गंभीर रूप से बढ़ जाएगा. छात्रा ईशा कुमारी ने मृदा संरचना और आवश्यक पोषक तत्वों पर जानकारी दी तथा जैविक खाद के उपयोग को मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए आवश्यक बताया. सूरज सोरेन ने मिट्टी प्रदूषण के कारणों और उससे होने वाले दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला. छात्रा सौम्याश्री ने पारंपरिक भारतीय मृदा संरक्षण पद्धतियों और आधुनिक तकनीकों जैसे फसल चक्र, मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई का तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया. धन्यवाद ज्ञापन इतिहास विभाग के डॉ कमल शिवकांत हरि ने किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ कुमार सौरभ ने किया. कार्यक्रम में रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश सहाय, डॉ अनिता राज हेम्ब्रम, डॉ लीना मुर्मू, प्रो सनातन मुर्मू समेत बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे.
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