Dhanbad News : सिंफर वैज्ञानिकों ने देखा घटनास्थल, रहस्यमयी आग लगने का नहीं मिला कोई ठोस कारण
हीरापुर स्थित मास्टपाड़ा पहुंचा वैज्ञानिकों का तीन सदस्यीय दल, पीड़ित परिवार से टीम ने ली आगलगी की घटनाओं की जानकारी, सोमवार से घर में नहीं हुई आग लगने की कोई घटना
हीरापुर स्थित मास्टपाड़ा में अंशुमान चौधरी के घर में लग रही रहस्यमयी आग की जांच के लिए मंगलवार की शाम केंद्रीय खनन व ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के तीन सदस्यीय वैज्ञानिकों का दल पहुंचा. इस टीम में सभी वैज्ञानिक कोयला खदानों में लगने वाली भूमिगत आग के विशेषज्ञ डॉ संतोष राय, डॉ नीरज महाली और डॉ देवाशीष मिश्रा शामिल थे. टीम अंशुमान चौधरी के पूरे घर का निरीक्षण किया. श्री चौधरी और उनके परिवार से आगलगी की घटनाओं की जानकारी ली. टीम ने सदस्यों ने काफी देर तक घर का निरीक्षण किया.घर के सेप्टिक टैंक, नाली और घर के पिछले भाग की स्थिति का भी जायजा लिया. टीम ने पड़ोसियों से भी बातचीत की. जांच के क्रम में अंशुमान चौधरी ने सिंफर वैज्ञानिकों बताया कि उनसे आज तक किसी ने भी उनकी यह जमीन या मकान खरीदने की बात नहीं की है. न ही उनका इस घर को लेकर किसी से कोई विवाद है.
केवल पूजा घर ही है सुरक्षित :
दूसरे तल के हर कमरे में आग लगने की घटना घट चुकी है. किचन से लेकर बेड रूम तक के सामान जले पड़े हैं. बेड रूम के फोम के गद्दे में आग के कारण घर की पूरी दीवार काली पड़ गयी है. बावजूद इसके दूसरे तले पर ही मौजूद पूजा घर पूरी तरह से सुरक्षित है. यहां रखा हर सामान सुरक्षित है.टीम उपायुक्त को सौंपेगी स्थल निरीक्षण की रिपोर्ट :
निरीक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए सिंफर के डॉ संतोष कुमार राय ने बताया कि उनलोगों ने अभी तक जांच शुरू नहीं की है. वे अभी घटना स्थल को देखने आये थे. फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पा रहा है. परिवार से बात करने पर पता चला कि रुक-रुक कर घर में आग लगती है. इसलिए यह स्पष्ट है कि आग गैस की वजह से नहीं लगी. यहां आग कभी पर्दा में लगती है, कभी किसी दूसरे सामान में. लेकिन कभी भी लकड़ी के फर्नीचर या अन्य सामान में आग नहीं लगी. इसके कई कारण हो सकते हैं. यह किसी की शरारत भी हो सकती है. इस लिए अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. डॉ संतोष ने यह भी कहा कि वह लोग भूमिगत आग के विशेषज्ञ हैं. इस तरह की आग के विशेषज्ञ नहीं हैं. उपायुक्त के आग्रह पर सिंफर की ओर से उन्हें घटना स्थल को देखने के लिए भेजा गया है. वह अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप देंगे.दो दिनों से नहीं लगी आग :
प्रभात खबर से बात करते हुए गृहस्वामी अंशुमान चौधरी ने बताया कि बीते दो दिनों (सोमवार) से आग लगी की कोई घटना नहीं हुई है. हालांकि उन्होंने बताया उन्होंने सभी सामानों को घर से हटा दिया है. सिंफर वैज्ञानिकों ने उनके परिवार कहा कि यह घटनाएं बाहरी व्यक्ति की शरारत हो सकती है. हालांकि वैज्ञानिक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे.इनवर्टर ब्लास्ट से शुरू हुई थी घटनाएं :
अंशुमान ने जांच टीम को बताया कि पहले इनवर्टर ब्लास्ट कर गया था. इस घटना के बाद आसपास के लोगों की मदद से क्षतिग्रस्त इनवर्टर को घर के बाहर रख दिया. जहां इनवर्टर था, उसके स्वीच बोर्ड को देखा, तो उसमें कोई खराबी नहीं मिली. उसी दिन ऊपर के कमरे में बिस्तर में अचानक आग लग गयी. इससे पूरे घर में धुआं से भर गया. इस पर अभी काबू किया ही था कि घर के मुख्य दरवाजे से सटी खिड़कियों के पर्दे में आग लग गयी. रविवार को भी कभी दीवार पर टंगे कैलेंडर, तो कभी अलमारी में रखे कपड़ों में आग लगती रही. घर में 25 से अधिक बार अलग-अलग कमरों में आग लग चुकी है. इस वजह से सारा सामान हटा कर घर छोड़ना पड़ा है. इन घटनाओं से उनकी बेटी की पढ़ाई बाधित हुई है. वह अभी दिल्ली पब्लिक स्कूल में सातवीं की छात्रा है. इन घटनाओं से वह काफी तनाव में है.फिर अपने घर में लौटेंगे अंशुमान :
गृहस्वामी श्री चौधरी ने बताया कि दो दशक से इस घर में शांति से रह रहे थे. बीते कुछ दिनों से इन घटनाओं से उनका परिवार परेशान है. उन्हें घर छोड़ कर होटल में रहना पड़ रहा है. लेकिन इस बात के लिए आश्वत हैं कि उनका परिवार फिर से घर में लौटेगा. फिर से इस घर में शांति के साथ रहेंगे. वह जल्द ही साफ-सफाई कराकर शिफ्ट होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
