धनबाद के सरकारी स्कूलों को हादसे का इंतजार, जर्जर भवनों में चल रहीं कक्षाएं, जोखिम में बच्चों की जान

धनबाद जिले के कई सरकारी स्कूलों को हादसे का इंतजार है. जर्जर भवनों में कक्षाएं चल रही हैं. इससे बच्चों की जान जोखिम में है, लेकिन किसी को इसकी फिक्र नहीं है.

By Guru Swarup Mishra | March 18, 2024 10:48 PM

धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले में सरकारी स्कूलों की स्थिति गंभीर है. कहीं जर्जर भवन में कक्षाओं का संचालन हो रहा है तो कहीं परिसर में खंडहर बन चुके भवन खड़े हैं. ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है. इसपर विभाग का ध्यान नहीं है. बड़ा हादसा होने पर ही अधिकारियों की नींद खुलेगी. प्रभात खबर की टीम ने सोमवार को कुछ ऐसे ही स्कूलों का जायजा लिया.

मध्य विद्यालय दुर्गा मंदिर हीरापुर तेलीपाड़ा
टीम दोपहर करीब 12.30 बजे मध्य विद्यालय दुर्गा मंदिर हीरापुर तेलीपाड़ा पहुंची. यहां चौथी व पांचवीं की कक्षा चल रही थी. जिस भवन में कक्षा का संचालन हो रहा है, उसकी छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. इसी के नीचे बच्चे बैठे थे. वहीं जहां आठवीं की कक्षा चल रही है उस भवन में सीपेज हो रहा है. कक्षा के बाहर में ही दो कमरों का पुराना जर्जर भवन है, यह महिनों से बंद है. कई बार बच्चे इस भवन के परिसर में चले जाते हैं. ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है. शिक्षकों की मानें तो भवन को तोड़ने के लिए दिसंबर में आवेदन दिया गया है, अब तक कोई पहल नहीं हुई है.

मध्य विद्यालय हीरापुर
एसडीओ आवास के मुख्य गेट के पास स्थित मध्य विद्यालय हीरापुर का बुरा हाल है. अपराह्न 1.20 बजे टीम यहां पहुंची तो यहां तीसरी व चौथी की कक्षा एक ही कमरे में संचालित हो रही थी. इस कमरे का बुरा हाल था. एक कोने में पूरी दरार आ गयी है. बारिश होने पर आधे कमरे से पानी रिसता है. वहीं पंखा लगाने के लिए कमरे में बांस बांध दिया गया है. इसकी जानकारी भी विभाग के अधिकारियों को है लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ है. लैब के लिए बनाये गये कमरे में भी पानी रिसता है. वहीं भवन के ऊपर बने दो कमरे भी जर्जर हो चुके हैं. वहीं एक साल पहले छत पर पेड़ गिर गया था, जिसे आज तक नहीं हटाया गया है. इसके लिए वन विभाग को भी शिक्षकों ने आवेदन दिया है.

मध्य विद्यालय बरटांड़
विद्यालय के पहले तल्ले पर सीढ़ी से चढ़ने के साथ ही भवन की स्थिति सामने आने लगी. यहां छत में दरार आ गयी है. प्लास्टर गिर रहा है. यहीं से बच्चे आना-जाना करते हैं. वहीं चौथी-पांचवीं की कक्षा का संचालन एक ही कमरे में होता है. दूसरे कमरे में तीसरी की कक्षा चलती है. इन दोनों के बीच का कमरा पूरी तरह से जर्जर है. इसका पिलर भी झुक गया है. चौथी व पांचवीं की कक्षा जिस कमरे में संचालित हो रही है, उसकी छत का प्लास्टर गिर रहा है. परिसर में बने पुराने भवन को ध्वस्त करने की जरूरत है. शिक्षक भी इसे लेकर परेशान रहते हैं.

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