Dhanbad News : लोयाबाद खदान से कोयला उत्पादन की योजना पर लगा ब्रेक, आउटसोर्सिंग कंपनी ने किया करार से इनकार
बीसीसीएल और वेंसर कंस्ट्रक्शन के बीच हुआ एमडीओ रेवेन्यू अनुबंध हुआ रद्द, घाटे के डर से आउटसोर्सिंग कंपनी ने खींचा हाथ
बीसीसीएल के सिजुआ एरिया स्थित कंपनी की बंद पड़ी लोयाबाद खदान से कोयला उत्पादन की योजना पर विराम लग गया है. बीसीसीएल द्वारा इस खदान से कोयला खनन का कार्य एमडीओ (माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर) रेवेन्यू शेयर मॉडल पर करने का निर्णय लिया गया था, जिसके लिए आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स वेंसर कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के साथ अनुबंध (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी हुआ था. अनुबंध के तहत कंपनी को 7.29 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर खनन कार्य करना था. इस परियोजना का लक्ष्य लोयाबाद खदान से प्रति वर्ष 1.285 मिलियन टन की उत्पादन क्षमता के साथ कुल 25.485 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना था. इस दिशा में प्रारंभिक तैयारियां भी शुरू हो गई थीं, लेकिन खदान में कार्य शुरू होने से पहले ही वेंसर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इस परियोजना से अपना हाथ खींच लिया है. उसने एमडीओ टेंडर भी सरेंडर कर दिया है. इसके बाद लोयाबाद खदान से कोयला उत्पादन एक बार फिर अधर में लटक गया है. सनद रहे कोल इंडिया में पहली बार बीसीसीएल ने एमडीओ रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर वर्क एवार्ड किया था. इसे लेकर कोयला मंत्रालय तक चर्चा हुई थी. बीसीसीएल की सराहना हुई थी, अब उसी काम में कंपनी पिछड़ती दिख रही है.
क्या है आउटसोर्सिंग कंपनी का तर्क :
सूचना के मुताबिक ठेका कंपनी मेसर्स वेंसर का तर्क है कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि यह प्रोजेक्ट व्यावसायिक रूप से लाभकारी नहीं है. यानी प्रोजेक्ट लाभकारी नहीं है. कंपनी का दावा है कि खदान से होने वाला उत्पादन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होगा, जिससे उसे आर्थिक घाटा उठाना पड़ेगा. इसी आशंका के चलते कंपनी ने आगे काम करने से मना कर दिया है. वेंसर कंस्ट्रक्शन के इस फैसले के बाद बीसीसीएल प्रबंधन ने भी इस टेंडर को औपचारिक रूप से रद्द कर दिया है. इस घटनाक्रम से लोयाबाद क्षेत्र में कोयला उत्पादन बहाल होने की उम्मीदों को झटका लगा है, साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की संभावनाओं पर भी फिलहाल ब्रेक लग गया है.मार्च 2023 में जारी हुआ था एलओए :
सूचना के मुताबिक देश में कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से बीसीसीएल ने एमडीओ रेवेन्यू शेयर मॉडल के आधार पर लोयाबाद खदान से कोयला उत्पादन के लिए मार्च 2023 में ही एलओए जारी किया गया था, पर 17 माह बाद उक्त आउटसोर्सिंग कंपनी ने सरेंडर कर दिया है. यह बीसीसीएल में चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा है कि ना सिर्फ लोयाबाद, बल्कि कंपनी के एक-दो कार्य छोड़ दें, तो अन्य एमडीओ रेवेन्यू शेयर पर आवांटित अन्य कार्य भी जल्द सरेंडर हो सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
