Bokaro News: कोयले के चूल्हे पर बनता है एमडीएम, दो कमरों में चलती हैं पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं

Bokaro News: रोजाना सुबह स्कूल आने पर परिसर में शराब की खाली बोतल, सिगरेट के डिब्बे, डिस्पोजल ग्लास अन्य सामान फेंके मिलते हैं. स्कूल की सफाई करने के बाद कक्षाएं लगायी जाती हैं. बालिका प्राथमिक विद्यालय कुसमाटांड़ बलियापुर के विद्यार्थियों व शिक्षिकाओं का यह रोज का रूटीन है.

By MAYANK TIWARI | November 28, 2025 1:50 AM

इस स्कूल की व्यवस्था ऐसी है कि कच्चे कोयले के चूल्हे पर एमडीएम तैयार किया जाता है. इससे उठने वाले धुंए से विद्यार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं छात्राओं के लिए बनाये गये शौचालय की स्थिति अत्यंत दयनीय है. प्रभात खबर की टीम गुरुवार की दोपहर 11.28 बजे पहुंची तो यह नजारा देखने को मिला है.

पहला दृश्य @ दोपहर 11.28 बजे : बाहर फल खा रहे थे बच्चे

प्रभात खबर की टीम दोपहर 11.28 बजे स्कूल पहुंची तो शिक्षिका स्कूल परिसर में खड़ी थीं, वहीं बच्चे बाहर इधर-उधर घूमते हुए एमडीएम में मिलने वाला फल खा रहे थे. बाद में सभी बच्चों को कक्षा में बैठाया गया. एक कमरे में पहली और दूसरी कक्षा के और दूसरे कमरे में तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चे बैठे थे. स्कूल परिसर में दो खाली रूम भी हैं. इसमें एमडीएम का चावल व अन्य सामान रखे गये हैं. दूसरा भवन जर्जर हो चुका है इसका प्लास्टर टूट कर गिर रहा है.

दूसरा दृश्य @ दोपहर 11.35 बजे : कोयले पर बन रहा एमडीएम, धुंए से परेशान रहे बच्चे

प्रभात खबर की टीम यहां पहुंचने के चंद मिनट बाद अंदर दाखिल हुई, करीब दोपहर के 11.35 बजे का दूसरा दृश्य एमडीएम के लिए कोयलो के चूल्हे पर बन रहा भोजन था. इधर कच्चे कोयले के जलने से उठ रहे धुंए से बच्चों का हाल बेहाल दिखा. चूल्हा नियमानुरूप नहीं है. पूरे स्कूल परिसर में धूआं भरा रहा. एचएम कृतिवास महतो ने बताया कि गैस सिलेंडर खाली हो गया है. तीन दिनों से यह चूल्हा जलाना पड़ रहा है. सिलेंडर खुद लेकर आना पड़ता है.

बाल वाटिका भी हो रही संचालित

इस विद्यालय में बाल वाटिका कक्षा भी चल रही है. बाल वाटिका से दूसरी कक्षा तक में 15 और तीसरी से पांचवीं कक्षा तक में 21 विद्यार्थी नामांकित है. कक्षा एक और दूसरी के लिए राउंड टेबल की जगह बच्चे बेंच डेस्क पर बैठे थे. उसमें भी अधिकांश कई खराब हो गये है. बच्चों की उपस्थिति बढ़ने पर दिक्कत अधिक होती है.

चहारदीवारी नहीं होने से नशेड़ियों का होता है जमावड़ा

स्कूल परिसर में चहारदीवारी नहीं होने के कारण स्कूल के छुट्टी होने के बाद शाम में नशेड़ियों का जमावड़ा हो रहा है. यहीं कारण है कि स्कूल परिसर में शराब की खाली बोतले और अन्य सामान फेंके रहते हैं.

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