धनबाद के 140 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में दवाएं नहीं, महंगे दामों पर बाहर से खरीदने पर मजबूर हैं गरीब मरीज
Ayushman Arogya Mandir: धनबाद जिले के 140 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में दवाएं खत्म हो गयी हैं. इस कारण बिना दवा के ही मरीज लौट रहे हैं. गरीब मरीजों को महंगे दाम पर बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं. इससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. एक माह से अलमारियां खाली पड़ी हैं. केंद्र में बीपी, शुगर से लेकर सर्दी, खांसी और बुखार तक की दवाएं नहीं हैं.
Ayushman Arogya Mandir: धनबाद, विक्की प्रसाद-स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और आमजन तक आसानी से पहुंचाने के लिए स्थापित किये गये आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थिति फिलहाल बेहद दयनीय है. जिले के 140 आरोग्य मंदिरों में पिछले एक माह से आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति बंद है. आलम यह है कि प्रतिदिन इलाज कराने आने वाले सैकड़ों मरीजों को बिना दवा वापस लौटना पड़ रहा है. इससे आम लोगों में नाराजगी है. गांव, मुहल्लों और शहरी बस्तियों में प्राथमिक स्तर पर मरीजों को मुफ्त परामर्श और दवा उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना की गयी है, लेकिन दवा संकट ने इस उद्देश्य पर पानी फेर दिया है. ब्लड प्रेशर, शुगर, सर्दी से लेकर बुखार तक की दवाएं किसी केंद्र में उपलब्ध नहीं है. पिछले एक महीने से दवा नहीं मिलने की वजह से मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से महंगे दाम पर दवा खरीदनी पड़ रही है.
बाहर से दवा खरीदने पर मजबूर हैं मरीज
आरोग्य मंदिरों में नियुक्त डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार दवाओं के बिना मरीजों का उपचार भी प्रभावित हो रहा है. स्थिति यह है कि चिकित्सक केवल परामर्श देकर मरीजों को बाहर की मेडिकल दुकान से दवा खरीदने की सलाह दे रहे हैं. इससे गरीब और वृद्ध मरीजों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.
बुजुर्गों के विशेष कैंप भी प्रभावित
हर माह आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में वृद्धजनों के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श शिविर लगाया जाता है. इनमें ब्लड प्रेशर, शुगर, हड्डी समेत अन्य आयु संबंधी बीमारियों की जांच कर दवा उपलब्ध करायी जाती है. दवा संकट की वजह से ये कैंप भी प्रभावित हो रहे हैं. वर्तमान में वृद्धजनों को केवल जांच और सलाह मिल रही है, लेकिन दवा नहीं.
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ग्रामीण इलाकों में इलाज अधूरा छोड़ रहे मरीज
ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आर्थिक रूप से ज्यादा कमजोर होते हैं और निजी अस्पताल व मेडिकल स्टोर का सहारा लेना उनके लिए मुश्किल है. आरोग्य मंदिरों से दवा न मिलने पर उन्हें मजबूरी में इलाज अधूरा छोड़ना पड़ रहा है. ऐसे में टीबी, मधुमेह, हाइपरटेंशन और अन्य दीर्घकालिक रोगों से पीड़ित मरीजों की स्थिति बिगड़ने का खतरा बढ़ गया है.
केंद्र में इन दवाओं का स्टॉक समाप्त
एम्लोडिपिन 5 मिग्रा, टैब एम्लोडिपिन 10 मिग्रा, टैब टेल्मिसर्टन 40 मिग्रा, टैब टेल्मिसर्टन 20 मिग्रा, टैब क्लोरथालिडोन 12.5 मिग्रा, टैब मेटफॉर्मिन 500 मिग्रा, टैब मेटफॉर्मिन 1000 मिग्रा, टैब ग्लिमेपेरिड 1 मिग्रा, टैब ग्लिमेपेरिड 2 मिग्रा, टैब एस्पिरिन 75 मिग्रा, टैब मेटोप्रोलोल 25 मिग्रा, टैब मेटोप्रोलोल 50 मिग्रा, टैब एटोरवास्टेटिन 10 मिग्रा, टैब फोलिक एसिड, इंसुलिन, टैब बिसाकोडिल एंटरिक आइपी 5 मिग्रा, इयर ड्रॉप फॉरवैक्स 10 मिली, पैरा डाइक्लोरो बेंजीन 2 प्रतिशत, टैब एटूइललाइन व थियोइललाइन 150 मिग्रा एसआर, टैब एटूइललाइन थियोइललाइन 300 मिग्रा एसआर, टैब फैमोटिडाइन आइपी 20 मिग्रा, फ्रैमाइसेटिन सल्फेट (क्रीम) 30 ग्राम, जेंटामाइसिन आइपी ड्रॉप्स 5 मिली, ग्रिसोफुल्विन आइपी 250 मिग्रा, टैब लेवोथायरोक्सिन आइपी 25 माइक्रोग्राम, टैब मेथिकोबालामिन 1500 माइक्रोग्राम, नियोमाइसिन बैसिट्रैसिन ऑइंटमेंट 15 मिग्रा, टैब साल्बुटामोल सल्फेट आइपी 2 मिग्रा, साल्बुटानॉल सल्फेट आइपी इनहेलेशन 200 एमडीआइ 100 माइक्रोग्राम, विटार्निन डी3 (सैशे) 1 ग्राम, कैलामाइन आइपी लोशन 100 मिली, ग्लूकोमीटर, ग्लूकोस्ट्रिप, लैंसेट.
