धनबाद : नाला न स्ट्रीट लाइट और न ही पक्की सड़क

धनबाद : बाबूडीह (बी पॉलिटेक्निक) की सड़कों पर पिछले पांच दशक से घरों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है. यहां के वाशिंदे कहते हैं : हमारे क्षेत्र में नाला है ही नहीं. लगभग पांच सौ घर हैं. सभी घरों के नाले का पानी सड़क पर बहता है. बरसात में तो स्थिति इतनी भयावह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 25, 2019 7:08 AM
धनबाद : बाबूडीह (बी पॉलिटेक्निक) की सड़कों पर पिछले पांच दशक से घरों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है. यहां के वाशिंदे कहते हैं : हमारे क्षेत्र में नाला है ही नहीं. लगभग पांच सौ घर हैं. सभी घरों के नाले का पानी सड़क पर बहता है. बरसात में तो स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि घरों में पानी घुस जाता है.
मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. पानी से बदबू उठती है, इधर से गुजरना मुश्किल हो जाता है. स्ट्रीट लाइट नहीं रहने के कारण शाम से अंधेरा छा जाता है. डस्टबीन तक नहीं है, जिस कारण कचरा जहां-तहां पसरा रहता है. पार्षद से फरियाद कर चुके हैं लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पाया है. नगर निगम क्षेत्र में हम आते हैं. टैक्स भी चुकाते हैं फिर हमारे साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों.
मुहल्ले के लागों ने कहा-गंदगी के कारण होती है परेशानी
32 साल से यहां रह रही हूं. नाले का पानी सड़क पर बह रहा है. रोज उसी गंदे पानी को लांघ कर आना-जाना पड़ता है. बरसात में बीमारी का डर बना रहता है. छोटे बच्चों को घरों में कैद रखना पड़ता है.
निर्मला सिंह
हमारे मुहल्ले की इस समस्या का समाधान नजर नहीं आता. बारिश होती है तो नाले का पानी घर में घुस जाता है. नरक में जी रहे हैं हम. स्ट्रीट लाइट नहीं रहने से चोरों का आतंक बना रहता है.
कलावती देवी
मैं दस सालों से यहां रह रही हूं. नगर निगम में टैक्स चुकाते हैं फिर सुविधा से वंचित क्यों रहें. शाम होते ही छिनतई के डर से घर से निकल नहीं पाती. स्ट्रीट लाइट नहीं रहने से पास में रहनेवाली मां से भी नहीं मिल पाती हूं.
अंजू सिंह
बारहों महीने इस गंदे पानी को पार कर हम आते-जाते हैं. पानी के निकास की कोई व्यवस्था नहीं है. सैकड़ों घर नाले के गंदे पानी से परेशान है. बरसात के दिनों में मच्छर और बदबू के कारण गुजरना मुश्किल होता है.
टुन्नी देवी
घर से बाहर निकलने का मन नहीं करता. पता नहीं कब नाला बनेगा और सड़क साफ होगा. मंदिर कैसे जायें. इसी रास्ते से होकर मंदिर जाना होता है. चोरों का आतंक हमेशा बना रहता है.
रेखा देवी
हमारे दरवाजे से होकर नाली का पानी बहता है. जरूरी काम होने से ही बाहर निकलते हैं. एक छठ तालाब है, रास्ता नहीं रहने से व्रती को काफी परेशानी होती है. सबसे ज्यादा परेशानी सड़कों पर बहते पानी से होती है.
मंजू सिंह

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