पूर्णाहुति के साथ 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न
श्रद्धालुओं के बीच हुआ महाप्रसाद का वितरण
पालोजोरी. अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में 24 कुंडीय राष्ट्र शौर्य समृद्धि गायत्री महायज्ञ चौथे दिन शनिवार को पूर्णाहुती के साथ संपन्न हुआ. इस अवसर पर यज्ञ आहुती में शामिल श्रद्धालुओं ने दक्षिणा में अपनी बुराई यज्ञ कुंड में आहूत कर दी. मातृ शक्ति और देवकन्याओं ने दीप प्रज्ज्वलित किये. शांतिकुज हरिद्वार से आए टोली नायक यज्ञ शिरोमणि शशिकांत सिंह ने इस आयोजन में हिस्सा ले रहे श्रद्धालुओं को कहा गृहस्थ एक तपोवन है. चार आश्रमों से श्रेष्ठतम है. जिसमें ब्रहमचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास समाहित है. गृहस्थ आश्रम में विवाह बंधन सर्वाेत्तम बंधन है. साथ ही कहा कि गायत्री परिवार का यह ध्येह है कि लोग अपने आप में बदलाव लाएं. बुराई का त्याग करें. गायत्री परिवार का ध्येक वाक्य है हम बदलेंगे युग बदलेगा. इस लिए अपने सभी बुराईयों को हमें त्याग देना चाहिए. पूर्णाहुती के उपरांत श्रद्धालुओं बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर आयोजन कमेटी के जिला समन्वयक बरुण कुमार, मुख्य ट्रस्टी अजीत प्रसाद राय समेत अन्य मौजूद थे.
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