पीएम फसल बीमा का बकाया 810 करोड़ रुपये भुगतान का रास्ता होगा साफ, जल्द होगी CM हेमंत सोरेन से चर्चा

झारखंड में बंद पड़े पीएम फसल बीमा योजना के बकाया राशि के भुगतान का रास्ता जल्द ही साफ होनेवाला है. इससे राज्य के किसानों के चार साल पुरानी मांग पूरी होने वाली है. इसको लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से चर्चा होने वाली है.

By Samir Ranjan | December 7, 2022 10:09 PM

PM Fasal Bima Yojana: झारखंड में बंद पड़े पीएम फसल बीमा योजना का वित्तीय वर्ष 2018-19 का बकाया बीमा राशि 810 करोड़ रुपये भुगतान का रास्ता जल्द साफ होने वाला है. राज्य सरकार अगर 362 करोड़ रुपये प्रीमियम राशि बीमा कंपनियों को भुगतान कर देती है, तो पीएम फसल बीमा योजना के तहत बीमा करने वाली कंपनी किसानों को 810 करोड़ रुपये भुगतान कर देगी.

कृषि मंत्री के साथ केंद्रीय सचिव और बीमा कंपनी के अधिकारियों के बीच हुई थी बैठक

पिछले दिनों कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ पीएम फसल बीमा योजना के केंद्रीय सचिव समेत केंद्रीय बीमा कंपनी के अधिकारियों की रांची में बैठक हुई थी. इस बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति बनी है. कृषि मंत्री बादल ने बताया कि वर्ष 2018 में राज्य को सुखाड़ घोषित किया गया था, जिसमें पूरे राज्य में कुल 2.40 लाख किसानों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में पीएम फसल बीमा कराया था. पीएम फसल बीमा के तहत 79 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने भुगतान किया, लेकिन शेष 810 करोड़ रुपये भुगतान बकाया रह गया.

प्रीमियम भुगतान करने पर 810 करोड़ रुपये देने पर जतायी सहमति

राज्य में मुख्यमंत्री फसल राहत योजना चालू होने से किसानों की रुचि बढ़ने पर पीएम फसल बीमा योजना के केंद्रीय अधिकारियों ने भी गंभीरता दिखायी है. केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार से 362 करोड़ रुपये प्रीमियम भुगतान करने पर 810 करोड़ रुपये बीमा राशि का भुगतान करने सहमति जतायी है.

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सीएम हेमंत सोरेन से होगी चर्चा

मंत्री बादल ने कहा कि केंद्रीय सचिव को शपथ पत्र के साथ इस बिंदु पर फाइल आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. केंद्रीय टीम शपथ पत्र में 810 करोड़ रुपये भुगतान करने पर तैयार होगी, तभी राज्य सरकार प्रीमियम की राशि देने पर तैयार होगी. मंत्री ने बताया कि प्रीमियम राशि 362 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए बजटीय प्रावधान किया जायेगा और मुख्यमंत्री से जल्द विमर्श की जायेगी. अगर केंद्र इस राशि का भुगतान कर देती है, तो किसानों को उनका हक मिलेगा और राज्य सरकार की पहल पर किसानों की चार वर्ष पुरानी मांग पूरी होगी.

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