शराब से मुक्ति दिलाने में देवघर AIIMS हो रहा कारगर साबित, जानें एक साल में कितने लोगों ने छोड़ी शराब

देवघर एम्स में मनोरोग विभाग में इलाज शुरू होने के बाद कुल पांच हजार मनोरोग से जुड़े रोगियों का इलाज हो चुका है. इसमें 550 शराब का सेवन करने वाले रोगियाें का इलाज हुआ, जिसमें 300 रोगियों को इलाज के बाद शराब का सेवन छुड़ा दिया गया.

By Prabhat Khabar | September 11, 2022 8:17 AM

Deoghar news: संताल परगना काे शराब से मुक्ति दिलाने में देवघर एम्स कारगर साबित हो रहा है. देवघृृृर एम्स के मनोरोग विभाग ने एक वर्ष के अंदर 300 लोगों को शराब से मुक्ति दिला दी है. ये सभी लोग पांच से 10 वर्षों से नियमित रूप से शराब का सेवन करते थे, जिसकी वजह कई शारीरिक समस्याएं हो रही थी. देवघर एम्स में मनोरोग विभाग में इलाज शुरू होने के बाद कुल पांच हजार मनोरोग से जुड़े रोगियों का इलाज हो चुका है. इसमें 550 शराब का सेवन करने वाले रोगियाें का इलाज हुआ, जिसमें 300 रोगियों को इलाज के बाद शराब का सेवन छुड़ा दिया गया. एम्स के मनोरोग विभाग में मनोरोग विशेषज्ञ डॉ वीएल नरसिम्हा द्वारा शराब से मुक्ति पाने वाले रोगियों काे दवाइयां व काउंसेलिंग से इलाज किया गया है. इसमें गांजा का सेवन करने वाले भी रोगी शामिल हैं.

शराब पीने की इच्छा को बंद करने की दवा

शराब के आदि हो चुके कुछ लोग शराब छोड़ने का जब प्रयास करते हैं वे शराब को छोड़ नहीं पाते हैं. बार-बार शराब पीने की इच्छा जाहिर होती है. ऐसी परिस्थिति में इस इच्छा को कम करने के लिए दवाइयां दी जाती है. देवघर एम्स में मनोरोग विभाग में ऐसे रोगियों का विशेष इलाज हो रहा है. डॉक्टर नियमित दवाइयों के जरिये ऐसे रोगियों का इलाज कर शराब पीने की इच्छा को धीरे-धीरे कम कर रहे हैं.

शराब छोड़ने के बाद नींद नहीं आने व थरथराहट का भी इलाज

डॉ नरसिम्हा ने बताया कि नियमित शराब पीने वाले जब शराब छोड़ते हैं तो रात में उन्हें नींद नहीं आने की समस्या रहती है. शराब छोड़ने के बाद थरथराहट की समस्या भी रहती है. ऐसे मरीज भोजन भी सही ढंग से नहीं करते हैं, जिससे वे कमजोर होने लगते हैं. एक वर्ष में एम्स में इलाज के दौरान कई रोगियों में यह समस्या सामने आयी है. ऐसे रोगियों को नियमित दवाइयां देकर कंट्रोल कर उनका इलाज किया गया है. देवघर एम्स में भर्ती कर ऐसे मरीजाें का ट्रीटमेंट कर उन्हें ठीक किया गया है. 300 स्वस्थ होने वाले मरीज अब काफी खुश हैं, उनका परिवार भी खुशहाल है.

रिपोर्ट: अमरनाथ पोद्दार, देवघर

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