कोलकाता-बनारस एक्सप्रेस-वे के लिए नहीं मिला एनओसी
भारतमाला परियोजना के तहत बननेवाली कोलकाता-बनारस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण अटक गया है
चतरा. भारतमाला परियोजना के तहत बननेवाली कोलकाता-बनारस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण अटक गया है. इस परियोजना में रैयती जमीन के साथ-साथ वन भूमि का भी अधिग्रहण किया जा रहा है. दक्षिणी वन प्रमंडल में 240 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है, लेकिन इसका एनओसी नहीं मिला है. वहीं उत्तरी प्रमंडल की जमीन का एनओसी क्लियर हो चुका है. रैयतों को 90 प्रतिशत से अधिक राशि का भुगतान भी हो चुका है. रैयतों को जमीन के बदले 211 करोड़ का भुगतान होना है. इसमें अब तक करीब 190 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हो चुका है. एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य का जिम्मा आरकेएस कंस्ट्रक्शन को मिला है. कंपनी की ओर से सदर प्रखंड के गोडरा में कैंप बनाया गया है, जहां सड़क बनाने की कई मशीनें लाया गयी है. यह करीब ढाई वर्षो से बेकार पड़ी है. सड़क बनने से जिले के लोगो को कोलकाता व बनारस आने-जाने में कम समय लगेगा. उनकी सुविधा बढ़ेगी. किस प्रखंड से कितनी जमीन ली जायेगी भारतमाला प्रोजेक्ट में जिले के चार प्रखंडों के 67 गांवों से 445 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है. इसमें चतरा के 18 गांव से 102 एकड़, सिमरिया के 19 गांवों से 208 एकड़, हंटरगंज के 28 गांव से 95 एकड़ व पत्थलगड्डा के दो गांव से 40 एकड़ जमीन ली जायेगी. वर्जन::: वर्जन::: परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन की 90 प्रतिशत राशि का भुगतान रैयतों को हो चुका है. कुछ विवादित मामले हैं. इसकी राशि कोषागार में जमा कर दी गयी है. रैयत विवादित मामलों को सुलझाने के बाद राशि ले सकते हैं. वैभव कुमार सिंह, डीएलओ …….. परियोजना के लिए वन भूमि के एनओसी का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है. मामला प्रक्रिया में है. जमीन व पेड़-पौधों के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनी को राशि जमा करनी होगी. इसके बाद एनओसी क्लियर होगा. उक्त राशि से वन भूमि पर प्लांटेशन कर पेड़-पौधे लगाये जायेंगे. मुकेश कुमार, डीएफओ, दक्षिणी प्रमंडल
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