Chaibasa News : नशा से नाश हो रहा युवाओं का भविष्य
जैंतगढ़ बनी कोरेक्स की राजधानी, ओडिशा के कई शहरों में जाती हैं प्रतिबंधित दवाएं
जैंतगढ़. जगन्नाथपुर में एसडीपीओ और थाना प्रभारी की ओर से कफ सिरप के अवैध कारोबार के खिलाफ अभियान चलाने से हड़कंप है. दरअसल, जैंतगढ़ और जगन्नाथपुर में कफ सिरप का उपयोग नशा के लिए धड़ल्ले से होता रहा है. इसका बड़ा नेटवर्क है, जो बिहार, झारखंड और ओडिशा तक फैला है. कफ सिरप बिहार से मंगाया जाता है, जिसका एक प्वाइंट रांची भी है. रांची से जैंतगढ़ या जगन्नाथपुर तक पहुंचाया जाता है. यहां से जोड़ा, बड़बिल, सुंदरगढ़, संबलपुर एवं राउरकेला आदि क्षेत्र में खपाया जाता है. नशा के कारण युवाओं के भविष्य का नाश हो रहा है.
गांजा का अवैध कारोबार बढ़ा, अंकुश लगाने की मांग:
जैंतगढ़ में गांजा के अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है. जैंतगढ़ बस पड़ाव की कई दुकानों में गांजा बिक रहा है. राज्य सरकार के पूर्व मंत्री सह भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई ने इसे गंभीर समस्या बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार की लचर व्यवस्था से माफिया हावी हैं.नशा का कारोबार : रोज 300-400 बोतल व 900-1000 टैबलेट की खपत
जैंतगढ़, चंपुआ और जगन्नाथपुर के युवा नशे की चपेट में हैं. एक युवक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जैंतगढ़ के एक माफिया के यहां खुलेआम कोरेक्स, ऑनरेक्स और स्पास्मो प्रॉक्सीवॉन दवा बिकती है. नशे के आदी लोग कफ सिरप के साथ दर्द की दवा भी खाते हैं. रोजाना जैंतगढ़ व चंपुआ में तीन- चार पेटी कफ सिरप बिकती है. एक पेटी में 120 बोतल होती है. रोजाना 350 से 400 बोतल कोरेक्स की खपत है. यह प्रति बोतल 150 रुपये में बिकती है. इसकी कमी होने पर प्रति बोतल 180 से 200 रुपये में बिकती है. वहीं नशा का टैबलेट 8 से 10 बॉक्स बिकता है. एक स्ट्रिप में 8 टैबलेट होते हैं. एक बॉक्स में 18 स्ट्रिप होते हैं. प्रति बॉक्स 144 अदद टैबलेट होते हैं. रोजाना 900 से एक हजार टैबलेट की खपत होती है. आठ टैबलेट का स्ट्रिप 100 रुपये में बिकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
